हजरत मुहम्मद साहब | Hajarat Muhammad Sahab
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
116
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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चरम करना थे एच प्रशर रो निरंत्यता है ।
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जु्ों की पूजा मे मै इंग्यर तर पहुंचमे को पाथा रे थे ।
सुह्ष्प्रद भाइव के 'ममय में शुत-परपों ( सूर्तिपूज्ना ) का
सर्पद प्रचार घा। उनको पिसाम था कि यद सूर्तियाँ णुदा के
मामने इमारी सिफारिश करेंगो।. थे प्रमिइ-प्रमिद पुरुष!
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एक क्बीलि की पणग-यलग सूर्ति थो। ऐसा कोई घर नी
था जद मूर्ति सो |. सुहस्पद के समय अरव एक इग्सी
डग के मट्दग था ।
ऐसे चच्चान घोर अन्थकार में घिरे इुए साय पीर देश में
मुद्स्पद साइव का लग्म एक प्रमिद कडोना, करैग को
जाणा, बनी गम में इुपा ।
उगऊे परदादा हाथिम मे कादा पोर मफा को गठन में
बचाया था इमोलिये गरोफ़ कावा या गरिफ मशा का पद मी
सउनको मोदर ( परम्पहागत ) 'तोर थे दे दिया गया था । यह
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