रामचरितमानस माधुरी | Ramcharitmanas Madhuri

Ramcharitmanas Madhuri by ब्रजमोहनलाल - Brajmohanlal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्रीरामनामसाहात्म्य और स्तुतियां ॥ वणातणणण प्रथम अध्याय घन्दों राम नाम रघुबर को । हेतु छशाहु भानु हिमकर को ॥ बिधि हरि हर मय बेद प्राण सो । झगुण अनूपस शुणनिधान सो ॥ महा मंत्र जो जपत महेशू। काशी मुक्नि हेहु उपदेशू ॥ महिमा जासु जान गनराऊ । प्रथम पूजियत नास प्रभाऊ ॥ जानि आदि कबि नाम प्रताप + भयउ शुद्ध करि उलटो जाप ॥ सहस नाम सम सुनि शिवबानी । जपि जेइ शिव संग भवानी ॥ हरवें हेतु हेरि हर हीको। किय भूषण तिय भूषण तीको ॥ नाम प्रभाव जान शिव नीको । कालकूट फल दीन्ह अमीको ॥ दो० बषाक्र्तु रघपति भंगति तलसी शालि सदास। राम नाम बर बण यग श्रावण भादा मास ॥




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