अछूत - समस्या | Achhut - Samasya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
144
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कूपूत-्रपा बीर उसकी दिपसत एं, ७
चाडर में सारर रसो 1 इससा फारण उन्दोंने पद
सदराय शि बेर नहों घाइते दि, जनता के सन में इस प्रसार का
डा मी संदेद हो हि दद मुझे तथा मेरे साथियों को मर्यादा-
भाए परना प्वाह्ने हैं 1 इस पक घटना ने मेरी नररों में बारी
साहय को यहुन ऊँचा उठा दिया ।
कस पु, एानयान की बात पर इतने बिस्तर के साप
इसीशरने बोड गया कि; मैं आपके सामने पद स्पष्ट कर
देना घ्वाहता हूँ कि आपके ( अटूनी के ) साथ या इस फिपय
में किसी दूसरे फे साथ ब्यवद्धार में कोई पास दर्गिश नहीं
बर्तना चादता । मे आपको अंधकार में रना या झूठा
खाणच दिडायर अपना समर्थन प्राप्त फरना नहीं चादता।
म अदत-रपा फो इसटिये उदा देना चाहता हैं कि उस
मूहोष्ठेदन स्वणम्यद्राप्ति के दिये अनियर्य है, और मे
स्वरास्प चाइना हूँ । पर अपने किसी राजनीतिक उद्देश्य
वी पूर्नि के छिये से आपको नदी मिठाना 'चादता । मेरे सामने
जो प्रश्न है, वह स्वास्प्य से मा अधिक वड़ा है। मैं
अय्तद्रषा का इसटिये अंत वरना चाटता हूँ कि यदद
आत्मयुद्धि के ठिये आवश्यक दि । अछतों की शुद्धि की कोई
सदश्यपता नहीं है, यदद निर्र्यक बात है, किंतु स्वयं मेरी
तथा हिंदू-घर्म की शुद्धि अभी हैं । दिंदू:घर्म ने इस दूपण की
धार्मिक आजा देवर एक वड़ा भारी पाप किया है, और में अपने
इारीर पर दी ओदकर इस पाप वा प्रापश्चित्त करना चाहता हूँ ।
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