इंगलैंड में स्थानीय प्रशासन | England Mein Sthaniya Prashasan
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
350
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)द ग्रेट ब्रिटेन मे रणानीय प्रशासन
मान समय में स्थानीय प्रशासन के पास कार्यपालिका न्यायिक कार्य नही हैं ।
यह एक भन्तर माना जा सकता है जो कि वर्तमान को झतीत से श्रलग करता
हैं । भ्राज यदि स्थानीय प्रशासन की झाज्ञाप्षों या कानूनों का पालन नहीं
किया जाता तो किस के लिए न्यायालय में अपील करनी होती है । एग्लो-
सेक्सन समय में यह प्रत्रिया श्रत्यन्त सरल थी 1
नार्मन काल
जब विलियम नार्मन ने शासन सत्ता सम्माली तो उसने भ्राम समाधों
|०॥:. 2व०015] को समाप्त कर दिया 1 उसने देखा कि शक्ति के स्थानीय
केन्द्र बहुत प्रभष्वशाली है भ्रौर इनके रहते हुए वह सत्ता का प्रयोग मनचाहे
ढग से नहीं कर पाएगा । टाउनशिप केवल गाव बन कर रह गये श्रौर शायर
मूट के स्थान पर मेनर न्यायालय [0180० 0०0६] स्थापित्त किए गए
जहां कि सं चालक द्वारा मेनर लाई के प्रतिनिधि के रूप मे कार्य किया
गया । इम स्पायालय के नर्णयों को वेलिफ [छ801 द्वारा फ्रियान्वित
किया जाता था । कभी-कमी वेलिफ की स स्या एंक से श्रघिक भी हा करती
थी और ऐसो स्थिति में एक प्रमुख [१6०]01] बेलिफ होता था केवल
मेजर मो कह दिया जाता था 1 मेजर से ही बाद मे मेयर [8707] शब्द
की ण्पुन्त्ति हुई है। हन्डरेड न्यायालयों. को समाप्त नहीं किया
गया किन्तु उन्हें नियमित रूप से मिलने के लिए निर्देशित किया गया । यदि
इनमें सदस्य अनुपस्थित रहते थे तो. उनको दण्डित किया जा सकता था ।
सन् १८६४ के स्यानीय सरकार श्रधघिनियम ते हस्डरेड न्यायालयों के स्थान
पर जला परिपद [001८1 0०0०0] की स्थापना की । ये न्यायालय
बाद में चल कर राजा के न्यायालय [फ& 5 ००0] बन गए शौर वहां
जो न्यायाधीश बैठते ये वे तथ्य की दृष्टि से नहीं तो वम से कम सैद्धान्तिक
रुप में ज्राउन के सेवक बन गए । जितने भी स्थानीय, भधिकार-क्षेत्र थे उन
सभी का कुकाव केन्द्रीय शक्तियों की औओर हो गया ।
सन् १३०० के बाद. शेरिफ [506] के भधिकार एवं
स्तर घट गए तो शास्ति के न्याय [उ०58८6. ० 00८ ८०८८] ने सत्ता गृहणा
कर ली । यद्यपि नार्गन काल में सेवसन काल को सभी नागरिक स स्थाम्मो को
बदल दिया गया जिन्तु घामिक सस्थाएं प्राय. पूर्वचतू: बनी रही । पेरिश
का पादरी भ्रपनी शिक्षा एवं विशेषाधिकार के द्वारा जनता के श्रधिकारों पर
पर्याप्त शक्ति रखता था । वह श्रपने सभी मेरिशवालो को चर्च में बुला सकता
हम जहां कि जमीनदार श्रौर क्सिन, स्त्री भ्रौर पुरुष सभी समानता की
दृष्टि से मिलते थे । यहा जनता की स्वतस्त्रताप्रों के वारे में विचार-विमर्श
किया जाता था भ्रौर पादरी से यह भाशा की जाती थी कि वह गरीवो का
पश्षपाती बन कर उनके हितो का ध्यान रखेगा । चर्चे की समाझ्री में इस
श्रदार की बैठक करने का रिवाज एक समा के प्रति उत्तरदायी था जिसे कि
वेस्ट्री [४८४0५] कहां जाता था 1 हैँ
चौदहदी शताब्दी दे झारर नए भार्थिक परिवनंतों ने राष्ट्रीय सामा-
जिक जोवन मो ध्रमावित करना प्रारम्म दिया । इसके परिणाम
स्वरूप स्थानीय सरकार के प्रशासन मे भी मारी परिवर्तन हुए ।
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