विश्व की कहानी | Vishw Ki Kahani

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कृष्ण बल्लभ द्विवेदी - Krishn Ballabh Dwivedi

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श्री नारायण चतुर्वेदी -Shri Narayan Chaturvedi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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..... गिरता है। कोई भी वस्ठु एथ्वी के बंधन को तोड़कर भाग नहीं '...... सकती । रस्सी में. लोहे का ...... टुकड़ा बाँधकर मेज़ पर से नीचे '... खिसका दीजिए, तो लोहा एक युरुत्वाकपषण राजक् उल्त अद्भुत रहस्यमय शक्ति की कहानी जिसके पाश सें साधारण झरु-परमासु से खकर विशाल ग्रह-नचन्र . तक बिर्व की सभी चस्ठुएँ बंधी हुई हैं-एजो सानो सारे विश्व के कण-कण में प्रवेश करके उसे बिखर पड़ने नी, से रोकते हुए उसका नियंत्रण कर रही है। . हु म सब इस बात का अनुभव करते हैं कि हम पृथ्वी से - देव हुए. हैं। पृथ्वी पर हम चारों ोर घूस सकते हैं; -...... पहाड़ों पर भी ऊचें चढ़ सकते हैं, गब्बारों की सहायता से. ...... मीलों ऊंपर झाकाश में हम जा सकते हैं । किंठ स्ववं परथ्वी _....... सें नाता तोड़कर हम दूर भाग नहीं संकते । ज़मीन से ऊपर पद फीट कूदते हैं, तो फिर नीचे आआ. गिरते हैं । गुब्बारे ........ तौर हवाई जहाज़ में बैठकर झाकाश में दो-चार मील :....... ऊपर हम चढ़ते हैं; किंतु पेट्रोल समाव होते ही हमें फिर बरस ज़मीन पर ही झाना 7: यड़ता है । जीवधारी ही नहीं; वरन्‌ - निर्जीव पदार्थों भी यह _ दशा है। ज़ोर लगाकर ढेला _ आप आसमान में फँकते हैं; कुछ दूर जाकर वदद भी नीचे ही. को गिरता. है। तोंप से गोला _ छूठने पर झकाश मैं मीलों ... कपर पहुँच जाता है; किंतु वह मी ज़मीन ही पर वापस झा सर झाइज़क न्यूटन ( १६४२-१७२७ ). के मददान्‌ सिद्धान्त. की सर्वेप्रथम खोज को । अंदर से कोई शक्ति उस लोहे के ठुकड़े को श्रपनी कै, हा, योर खींच रही है। रबर की गेटिस को ज़ोर से खींचिए, तो बढ़कर वह लंबी हो. जायगी । झब पुनः उसके ... एक सिरे पर देला बाँघकंर लटकाइए, ही भी रबर की गेटिस बढ़ जाती है; मानों कोई झअदश्य शक्ति ग ह इसे मी नीचे पृथ्वी की श्रोर खींच रही है ! यदि झाप सीधे... ऊपर को गद उछाल, . ता वह. ज्या-ज्या ऊपर जायगी, ः ं रे _ उसकी गति कम होती जांयगी । यहाँ तक कि एक विशेष... कस .- ऊँचाई पर उसकी गति एकदम... |. शून्य हो... जायमी अर “अब - रे ही थ | इसके उपरत गद सीधे नीचे की पर हि पर ) ९ ओर लंबः्त गिरने लगेगी, मानों री '. किसी श्रदश्य लचकीले धागे... द्वारा इसे :थ्वी पर से कोई खींच... ! रहा हो | प्रति घंटा की गे भागने की कोशिश करता है, इस अवस्था में यह झाक्षेणु-शक्ति प्रथ्वी _..... ! के घरातल की वस्तुझ्ओों तक ही... सीमित. नहीं है; चरन, हज़ारों मील दूर के चंद्रमा पर भी यह... शक्ति काम करती है । प्रथ्वी के. :स्वारों शरीर चंद्रमा २,२८७ मील हम न से परिक्रमा... कर रहा है। अतः जिस तरह... लि : रस्सी में ढेला बाँधकर घुमाने से. दम नीचे श्रा गिरेगा; श्रौर रस्सी जिन्होंने पेड पर से फल को गिरे देखबर युरुखाबबण ढेला रस्सी को. तुड़ाकर दूर कि लत उठेगी; मानों ज़मीन के असस्ससायजसरिरल्यबर-उलापिपइसररंटनर संस जया पसयलपफि पश्मस




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