विश्व की कहानी | Vishw Ki Kahani
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
148 MB
कुल पष्ठ :
150
श्रेणी :
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कृष्ण बल्लभ द्विवेदी - Krishn Ballabh Dwivedi
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श्री नारायण चतुर्वेदी -Shri Narayan Chaturvedi
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)..... गिरता है। कोई भी वस्ठु एथ्वी
के बंधन को तोड़कर भाग नहीं
'...... सकती । रस्सी में. लोहे का
...... टुकड़ा बाँधकर मेज़ पर से नीचे
'... खिसका दीजिए, तो लोहा एक
युरुत्वाकपषण राजक्
उल्त अद्भुत रहस्यमय शक्ति की कहानी जिसके पाश सें साधारण झरु-परमासु से खकर विशाल ग्रह-नचन्र
. तक बिर्व की सभी चस्ठुएँ बंधी हुई हैं-एजो सानो सारे विश्व के कण-कण में प्रवेश करके उसे बिखर पड़ने
नी, से रोकते हुए उसका नियंत्रण कर रही है। .
हु म सब इस बात का अनुभव करते हैं कि हम पृथ्वी से
- देव हुए. हैं। पृथ्वी पर हम चारों ोर घूस सकते हैं;
-...... पहाड़ों पर भी ऊचें चढ़ सकते हैं, गब्बारों की सहायता से.
...... मीलों ऊंपर झाकाश में हम जा सकते हैं । किंठ स्ववं परथ्वी
_....... सें नाता तोड़कर हम दूर भाग नहीं संकते । ज़मीन से ऊपर
पद फीट कूदते हैं, तो फिर नीचे आआ. गिरते हैं । गुब्बारे
........ तौर हवाई जहाज़ में बैठकर झाकाश में दो-चार मील
:....... ऊपर हम चढ़ते हैं; किंतु पेट्रोल समाव होते ही हमें फिर
बरस ज़मीन पर ही झाना
7: यड़ता है ।
जीवधारी ही नहीं; वरन्
- निर्जीव पदार्थों भी यह
_ दशा है। ज़ोर लगाकर ढेला
_ आप आसमान में फँकते हैं;
कुछ दूर जाकर वदद भी नीचे ही.
को गिरता. है। तोंप से गोला
_ छूठने पर झकाश मैं मीलों
... कपर पहुँच जाता है; किंतु वह
मी ज़मीन ही पर वापस झा
सर झाइज़क न्यूटन ( १६४२-१७२७ ).
के मददान् सिद्धान्त. की सर्वेप्रथम खोज को ।
अंदर से कोई शक्ति उस लोहे के ठुकड़े को श्रपनी
कै, हा,
योर खींच रही है। रबर की गेटिस को ज़ोर से खींचिए,
तो बढ़कर वह लंबी हो. जायगी । झब पुनः उसके ...
एक सिरे पर देला बाँघकंर लटकाइए, ही
भी रबर की गेटिस बढ़ जाती है; मानों कोई झअदश्य शक्ति ग ह
इसे मी नीचे पृथ्वी की श्रोर खींच रही है ! यदि झाप सीधे...
ऊपर को गद उछाल, . ता वह. ज्या-ज्या ऊपर जायगी, ः ं रे
_ उसकी गति कम होती जांयगी । यहाँ तक कि एक विशेष...
कस .- ऊँचाई पर उसकी गति एकदम...
|. शून्य हो... जायमी अर “अब - रे
ही थ | इसके उपरत गद सीधे नीचे की पर हि पर )
९ ओर लंबः्त गिरने लगेगी, मानों री
'. किसी श्रदश्य लचकीले धागे...
द्वारा इसे :थ्वी पर से कोई खींच... !
रहा हो |
प्रति घंटा की गे
भागने की कोशिश करता है,
इस अवस्था में
यह झाक्षेणु-शक्ति प्रथ्वी _..... !
के घरातल की वस्तुझ्ओों तक ही...
सीमित. नहीं है; चरन, हज़ारों
मील दूर के चंद्रमा पर भी यह...
शक्ति काम करती है । प्रथ्वी के.
:स्वारों शरीर चंद्रमा २,२८७ मील हम
न से परिक्रमा...
कर रहा है। अतः जिस तरह...
लि : रस्सी में ढेला बाँधकर घुमाने से.
दम नीचे श्रा गिरेगा; श्रौर रस्सी जिन्होंने पेड पर से फल को गिरे देखबर युरुखाबबण ढेला रस्सी को. तुड़ाकर दूर
कि लत उठेगी; मानों ज़मीन के
असस्ससायजसरिरल्यबर-उलापिपइसररंटनर संस जया पसयलपफि पश्मस
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