जैन सिद्धांत संग्रह | Jain Siddhant Sangrah
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
443
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)-># जैंन सिदांते संग्रह | कू£ - तू
पोष बदि १४, गणघर ८, निर्वाणतिथि आतोन शुंदि ८
निवाणआसन ख़द्गाप्तन, निर्वाणस्थान 'सम्मेद्शिखर, अतर-इनसे
१०० सागर घाट कोटि सागर गए पीछे श्रयांसनाथ भए ।
२१-श्रेयांसनाथके गेंडेका - चिन्ह ।
पहला भव पुप्पोत्तर विमान, नन्मनगरी सिंहप्री, पिताका
नाम विष्णु, माताका नाम विप्णुश्री, गर्भतिथि दृन्दावन और
बख्तावर कृत पाठोंमें ज्येष्ठ बदि ८, रामचन्द्रकत पाठमें ज्येष्
शुदि हू, जन्मतिथि फाल्गुण वदि ११, जन्म नक्षत्र श्रवण,
काय ऊँची ८० घनुष, रंग सुव्ण समान प ला, आयु <८४
लाख वर्ष, दीक्षातिथि फाल्गुण वदि ११, दीक्षावृक्ष तिंदुक,
केवज्ञान तिथि वृन्दावन-रामचन्द्रकृत पाठोंमें माघ. वद्ि
अमावास्या, बखतावरछतमें माघ वदि १०, गणघर ७७, निवाण
तिंथि श्रावण झुदि १५, निर्वाण ,आसन खड़्गासन, निर्वाण
स्थान सम्मेद्श्चिखर, अन्तर-इनसे १४ सःगर गए पीछे
वासुपूज्य भए |
२९-वाठुपूज्यके सैंसेका चिन्ह ।
पहला भव < वां. कापिप्ट स्वरग, जन्मनगरी चेंपापुरी,
थिताका नाम वासुपूज्य, माताका नाम बिनया, गर्मतिथि आवाढ
वद़ि ६, जन्मतिथि फाल्गुण बदि १४, जन्मनक्षत्र शतमिषा,
कांय ऊँची ७० धनुष, रंग आरक्त ( सुरख ) केसुके फूल समान,
आयु ७२ ढाख वष, दीक्षातिथि फाल्गुण वदि १४; दीक्षावृक्ष
माटल, केवलज्ञान तिथि वृन्दवन-बखतावर छत पाठोंमें भादवा
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