हीराबाई | Heerabai

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्9 . हीराबाई भेजा सलवार सके क | नह. नर गए तुम सपनो तयारी करो, साज साघी रात के समय कसलादेवी का डोला चपचाप तुस्हारे पास भेज दिया जायगा 1 -स्थ्डॉलिडन- सातवां परिच्छेद । परिचय । * मद्थ यत्कृतं राजन्‌ तन्मयां नैव विस्सृतम्‌ 1 त्वदर्थ सम्प्रदास्यामीदानीं प्राणनिमानहम्‌ ॥ ( महाभारते ) यह होराबाइ कौन थी, जिसने कसलादेवी की सारी बला सपने ऊपर लेली ! सुनिए, कहते हैं, यह बात हम पहिले लिख स्रार हैं कि झुलाउद्दीन ने तरू,त पर बेठते ही [ सन ९२४७ इंस्वी ] गुजरात को फतह कर उसे सपनी सर्तनत में मिलालिया था । उसी लड़ाई में अ्रुलाउद्दीन का एक फ़ोजो सफसर हसनखां मारा गया था, जिसकी बीबी लडाइ के वक्त उसके साथ थी सौर सपने प्यारे शौहर के मारे जाने से दुखी हो, वह अपनी पांच-चार बरस की लड़की को गोद में ले रक जंगल में चली गई. थी । जिस दिन वह रक पेड़ में फांसी लगा सौर सपने गले में सपनी लडकी के गले को भी बांध कर ' जान देने की फ़िक्त. से लगीहुई थी । उस दिन




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