भिन्डी चरित्र | Bhindi Charitra
श्रेणी : अन्य / Others
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
306
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( र )
(२६) श्राउ बसंत काह, सहि, करिहड कंत श॒ थक्भूद पासे ।
ब्रज, मारवाड़ी--'किद्मड? >- किया । हम्मारा ।
खड़ी, पंजाबी--चलिट, मारि्र, चलिझा , जुज्किया, बुज्मिया
(-- चल्या चला, मारया सारा, इत्यादि) । रक्खे।,
रक्खे, हो, ढोल्ला, पयाणा, सज्जा हुआ ( ब्रज के
समान ढोल्लो, पयाणो, सजउड हुयउ नहीं ) ।
तुम्हाथ अम्हाण > तुम्हें हमें । तुम्हा ( पुराना
रूप) -- तुम्हारी । हसंवी, ठरती ( कृदंत रूप
हसती, हरती ) ।
बैसवाड़ी, अवधी--“करू घरू' -- किया, धरा ( तुलसी का “कर
घर ) । चल - चलती है, ताव -- तपाता है,
बह -- बहता है (उ०--उत्तर दिसि सरजू बह
पावनि ) । आव आया । आवे -- आए >>
आवेगा ( जैसे, ऊ कब श्राए ? ) । पा,
मिटाझा >> पावा, सिटावा -- पाया, सिटाया ।
बड़ >> बड़ा | लग > पास, निकट (ठेठ अवधी) ।
.. कहिअआ -- कब ( ठेठ पूरबी या अवधी । उ०--
. कह कवीर किछ अछिला न जहिया । हरि
बिरवा प्रतिपालेसि वह्चिझ्ा )
मेजपुरी, मैथिली, बैंगला--इछल -- इच्छा की । पृरल, मुभ्रल् न
पूरा, मरा ।.तोहर - ताहरा -> तुम्हारा । शच्छि
ननहीं है ( मैथिलों की छि छिं ) । आाछे,
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