धरती | Dharati

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Dharati by त्रिलोचन शास्त्री - Trilochan Shastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(४) बहती छोटी. सी... नाली तेजी से, लहरोंवाली है. उसकी. चाल. निराली देती बढती, नव. जीवन भरती नूतन हरियाली मिलकर वे. दोनों प्रानी दे रहे खेत मे पानी (१, उजले कपसीले बादल फिरते नभ में दल के दल बढ़ रही तपन है पल पल वे जब - तब करते छाया देते श्रम को नूतन बल मिलकर वे. दोनों प्रानी दे. रहे खेत में पानी (६) हल्की पुरबैया त्ाती श्रम - जल उनका हर जाती विकसित कर. उनकी छाती वे तर अधिक श्रम करते उनकी. उमड़ बढ. जाती सिलकर वे. दोनों प्रानी दे रहे खेत में पानी (७) कुछ पछी. उड़कर आते उडते - उड़ते. बढ. जाते उन कानों में भर जाते सरराटा या... स्वर अपना वे. श्रथक सीचते. जाते मिलकर वे. दोनों प्रानी दे रहे खेत में पानी मिलकर वे दोनों प्रानी




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