सूर - साहित्य में लोक - संस्कृति | Sur Sahitya Me Lok Sanskriti

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Sur Sahitya Me Lok Sanskriti by आध्याप्रसाद - Aadhyaprasad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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चिषय-प्रवेश द 'संस्क्ति” का स्वरूप अंग्रेजी के 'कल्चर' और हिन्दी के “संस्कृति शब्द की व्याख्या अनेक विद्वानों द्वारा को गई है, परन्तु दोनों प्रकार की व्याख्याओं में पर्याप्त मात्रा में वंविध्य दिखाई पड़ता है। “संस्कृति की परिभाषः पर विचार करने से पूर्व अंग्रेजी के 'कल्चर' दवाब्द की कतिपय परिभाषाओं कं देख लेना आवदयक जान पड़ता है। इन्साइक्लोपीडिया ब्रिटानिका में 'कल्चर' दाब्द का उल्लेख भी नहीं हुआ हैं। ऑक्सफोड डिक्दानरी में 'कल्चर' शब्द की व्याख्या इस प्रकार दी गई है :--- फट पछएफा छू छाएते उट्र्णिटापटाए$ 0 इपतत, (85165 ८.00 शा 0६08, 1६ ८००00 0 008 घिपड घिनताए ८ 200 इ८रीए ८6 _ घि छह हापेड ०4 लंघंप्रंडकघिणा, फिड 2०्पुपकाणपिए 0पा- 8ट1एट8 छा. (06 9656, , ,** अर्थात्‌ सक्षिप्ततः विचार, रुचि और आचार का दिक्षण तथा परिष्करण एवं विचार, रुचि तथा आचार के दिक्षित एवं परिष्कृत किये जाने को स्थिति ही 'कल्चर' (संस्कृति) है । टेलर ने 'कल्चर' की व्याख्या इस रूप में की है-- (पघपाट उड (५2६ ८ण०्प्फू 16 फ़ि016 जापटा फलपतेटड दिप0एा- 1८१6, एदाएर्ड, बा छि, 0815, 12.४7; ०प80एए घाशते एटा 008. शिफ़ाछडड छत 9बजिड 20८0ुघ़्घात 00 काबए 85. 2 तटाप०# ० 00८,” प्रो० मेक:इबर ने भी लगभग इसी प्रकार की व्याख्या की है-- (उप वरफादइ800 0 0पा ए8(पाद पा 0पप एा0068 फिए्छाए, छत 01 पफ्सातिए छु कप 0घत 6एटाप्रतेछप्र छिपा ८01: 6; उप छा, फल, छा. इदापडुवणा,, का. कटवटकापं0ा 200 बाुणप्रस्‍ाटाए६,* र- साशिवोलाजो--जिन्सिदर्ग--पप्ठ ४४ पर उद्धृत २. सोसाइट:, इड्स स्टुक्दर एण्ड चेजेंज़--प्रा०मेंकाइवर--पप्ठ २२६




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