सूर - साहित्य में लोक - संस्कृति | Sur Sahitya Me Lok Sanskriti
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
23 MB
कुल पष्ठ :
332
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चिषय-प्रवेश द
'संस्क्ति” का स्वरूप
अंग्रेजी के 'कल्चर' और हिन्दी के “संस्कृति शब्द की व्याख्या अनेक
विद्वानों द्वारा को गई है, परन्तु दोनों प्रकार की व्याख्याओं में पर्याप्त मात्रा
में वंविध्य दिखाई पड़ता है। “संस्कृति की परिभाषः पर विचार करने से
पूर्व अंग्रेजी के 'कल्चर' दवाब्द की कतिपय परिभाषाओं कं देख लेना
आवदयक जान पड़ता है। इन्साइक्लोपीडिया ब्रिटानिका में 'कल्चर' दाब्द
का उल्लेख भी नहीं हुआ हैं। ऑक्सफोड डिक्दानरी में 'कल्चर' शब्द की
व्याख्या इस प्रकार दी गई है :---
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अर्थात् सक्षिप्ततः विचार, रुचि और आचार का दिक्षण तथा परिष्करण
एवं विचार, रुचि तथा आचार के दिक्षित एवं परिष्कृत किये जाने को
स्थिति ही 'कल्चर' (संस्कृति) है ।
टेलर ने 'कल्चर' की व्याख्या इस रूप में की है--
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प्रो० मेक:इबर ने भी लगभग इसी प्रकार की व्याख्या की है--
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र- साशिवोलाजो--जिन्सिदर्ग--पप्ठ ४४ पर उद्धृत
२. सोसाइट:, इड्स स्टुक्दर एण्ड चेजेंज़--प्रा०मेंकाइवर--पप्ठ २२६
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