पुरातन - जैनवाक्य - सूची भाग - 1 | Puratan - Jainvakya Suchi Bhag - 1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
27 MB
कुल पष्ठ :
530
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
जैनोलॉजी में शोध करने के लिए आदर्श रूप से समर्पित एक महान व्यक्ति पं. जुगलकिशोर जैन मुख्तार “युगवीर” का जन्म सरसावा, जिला सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। पंडित जुगल किशोर जैन मुख्तार जी के पिता का नाम श्री नाथूमल जैन “चौधरी” और माता का नाम श्रीमती भुई देवी जैन था। पं जुगल किशोर जैन मुख्तार जी की दादी का नाम रामीबाई जी जैन व दादा का नाम सुंदरलाल जी जैन था ।
इनकी दो पुत्रिया थी । जिनका नाम सन्मति जैन और विद्यावती जैन था।
पंडित जुगलकिशोर जैन “मुख्तार” जी जैन(अग्रवाल) परिवार में पैदा हुए थे। इनका जन्म मंगसीर शुक्ला 11, संवत 1934 (16 दिसम्बर 1877) में हुआ था।
इनको प्रारंभिक शिक्षा उर्दू और फारस
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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व्णिश्यागदार ( अनियागदार )
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अंगपण एत्ता(झंग प्रज्ञप्ति)
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व्गायरियमत्ती(आचायमक्ति)
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(स्वामिकार्तिकेयानुप्र ता)
फम्मपयडी (कम प्रकृति)
कल्लाणालायणा (कल्थागातचिना )
कसायपाहुड ( कपायप्राभून )
गाम्मंटसार-कर्मकोंड
गोस्मटसार-कमकांड-
जीबतत्वप्रदीपिका टीका
गाम्मटसार जीवकांड
गोम्मटसार जीवकांड-
जीवतन्त्वप्रदी पिका
गाम्मटलारजीवकांड-मंदप्रचाधघिका
उपयुक्त ग्रन्थप्रात
पटखण्डागम-सम्बन्धी
माणिकंचन्द्र दि. जेन प्रन्थमाला.
माशिकचन्द दि. जेन प्रन्थमाला
मिद्धान्तसारादि संग्रह . मा .अन्थ माला
श्ारा जेनसिद्धान्तभवनकी लिखितप्रत
इशभक्त्यादिसंप्रह्व. सोला पुर
हस्तलिखित, वीरसेवामन्दिर . सर सवा
मशिकचन्द दि. जेन ग्रन्थमाला, बम्वई
माणिकचन्द दि.जेनग्रन्थमाला. बस्ब्रई
सन्मतिसुमनमाला अराण (गुजरात)
भावसंत्रह्मदि, माणिकचन्द ग्रन्थमाला
नन््वानुशासनादिसंप्रह . मा « ग्रन्थमाला
जेनप्रन्थरत्नाकर कार्यालय, चम्ब्ई
हम्नलिखित, वीरसवार्मान््दर. सग्सावा!
सिद्धान्तसाराद्संग्रह . माप ग्रन्थमाला
हम्नलिस्वित, जैनसिद्धान्त भवन. रा
रायचन्द्र जनशास्त्रमाला. बस्तर
जरनमिध्दान्तप्रकाशिनी संम्था, कलकत्ता
रायचन्द्र जेनशास्त्रमाला. चम्चई
जनसिद्धान्तप्रकाशिनी, कलकत्ता
जनसिद्धान्तप्रकाशिनीं संस्था, कलेकत्।
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