महाभारत | Mahaabhaarat
श्रेणी : कानून / Law
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
49 MB
कुल पष्ठ :
373
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्रथ्-संख्या
पाणडवों का भीष्म की शरण जाना--भीप्म का निज-वधोपाय बतलाना--युद्ध के दसवें दिन शिखणिड-
सम्बन्धिनी काररवाई--भीष्म का पतन--धृतराष्ट्र का भीष्म-पराजय सुनना--अजु न से रक्ा किये
गये शिखणडी का युद्ध--घरृतराष्ट्र का विलाप--शरशय्या में भीष्म--वीरों के द्वारा भीष्म का
सत्कार--भीष्म और कण का मिलन--भीप्म के द्वारा की गई शान्ति की अन्तिम चेष्टा ।
-युद्ध जारी जी कि .... २२२
कण का फिर शख्र उठाना--द्रोशाचाय्य का सेनापतित्व--युद्ध का. ग्यारहवाँ दिन--शल्य
और भीमसेन--युधिष्ठिर के पकड़ने के लिए अजु न के दूर हटाने की तजनीज़--अजुन श्र
त्रिगत्त लोग--अजु न के हाथ से भगदत्त का वध--द्रोण का आक्रमण होने पर युधिष्ठिर का
भागना--द्रीण की चक्रव्यूह-रचना --व्यूह के बीच में अभिमन्यु--जयद्रंथ के द्वारा पाणडवों का रोका
जाना--अभिमन्यु का आश्चयकारक युद्ध --सात रप्रियों के द्वारा अभिमन्यु का वध--पाणडवों का
शोक--श्रजु न का शोक--जयद्रथ के बघ के लिए अजु न की. प्रतिज्ञा --सिन्घुराज जयद्रथ का भय
और द्रोण का उन्हें घीरज देना--पाण्डवों की रानियों के छप्ण का समभाना--जयद्रथ की रक्या
के लिए द्रोण का व्यूह बनाना--जयद्रथ के मारने के लिए अजुन की. यात्रा --द्रोण का उल्लब्वन
करके अजुन का निकल जाना--दु्यंधन का डर--दुयोघन के शरीर पर श्रक्षय कवच का
बाँधना--अजुन और दु्घन--युधिष्ठिर की घबराहट--अजुन की रक्षा के लिए सात्यकि और
भीम के भेजना--क्णे के हाथ से भीम की. हार-- सात्यकि और भूरिश्रचा--भूरिश्रवा के साथ
अजु न का अनुचित व्यवहार-- जयद्रथ के पास अजु न का पहुँचना --कौरव लोगों का श्रम --जयद्रथ
की सृत्यु --दु्ाघन और द्रोश का परस्पर तिरस्कार--कण श्र कप का. विवाद--कण के साथ
घटोत्कच का युद्ध--घटोत्कच के मारने के लिए कण का इन्द्रदत्त अमाव-शक्ति छोड़ना--रात का
युद्ध द्रोण के हाथ से विराट और द्रपद का वध--द्रोण की शक्ति नाश करने के लिए उन्हें धोखा
देना--शश्वव्थामा के मारे जाने की भूठी खबर--हस्तिनापुर में द्रोण का मृत्यु-संवाद ।
५-श्न्त का युद्ध २५४
करे का सनापतित्व--कणे के साथ युद्र करन के लिए अजुन का युधिष्ठिर का आज्ञा--
कण और नकुल--कण की अन्तिम युद्ध करने की प्रतिज्ञा--कण के रथ पर शत्य का सारध्य--
इच्छानुरूप वावय कहन क विषय में शत्य का नियम--शत्य की शठता से कण की तेजाहानि--कण
और भीम--कण और युधिष्ठि--युधिष्िग का शिविर में लौट आना--उजुन का आना श्र
युधिष्ठिर का क्षोभ--अजुन और युधिधिर का विवाद--अजुन की कण-बध-प्रतिज्ञा--भीम 'और
कण और अजुन का युद्ध--कण के रथ का कीच में फँसना--कणे की मृत्यु--दुयाधन
और कप का संवाद--अश्वत्थामा का अविचल उत्साह--शत्य का सेनापतित्व--शहत्य के मारने के
लिए युधिष्ठिर का उद्योग--श्य की स्ृत्यु--भीम के हाथ से धघरूतराष्ट्र के पुत्रों का संहार--सहदेव
और शकुनि--कौरवों की सेना का प्राय: निःशेष होना--युयुत्सु का हस्तिनापुर लौट आना |
-युद्ध को समाप्ति ली मी .... २७१५
तालाब में दुयोघन का प्रवेश--पाणडवों का दुयेधन के ढूँ दना--युधिधिर के द्वारा
दु्यधन का तिरस्कार--एक पाणडव के साथ युद्ध करने के लिए दु्धन का निश्चय--बलराम का
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