महाभारत | Mahaabhaarat

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Mahaabhaarat by महावीर प्रसाद द्विवेदी - Mahavir Prasad Dwivedi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रथ्-संख्या पाणडवों का भीष्म की शरण जाना--भीप्म का निज-वधोपाय बतलाना--युद्ध के दसवें दिन शिखणिड- सम्बन्धिनी काररवाई--भीष्म का पतन--धृतराष्ट्र का भीष्म-पराजय सुनना--अजु न से रक्ा किये गये शिखणडी का युद्ध--घरृतराष्ट्र का विलाप--शरशय्या में भीष्म--वीरों के द्वारा भीष्म का सत्कार--भीष्म और कण का मिलन--भीप्म के द्वारा की गई शान्ति की अन्तिम चेष्टा । -युद्ध जारी जी कि .... २२२ कण का फिर शख्र उठाना--द्रोशाचाय्य का सेनापतित्व--युद्ध का. ग्यारहवाँ दिन--शल्य और भीमसेन--युधिष्ठिर के पकड़ने के लिए अजु न के दूर हटाने की तजनीज़--अजुन श्र त्रिगत्त लोग--अजु न के हाथ से भगदत्त का वध--द्रोण का आक्रमण होने पर युधिष्ठिर का भागना--द्रीण की चक्रव्यूह-रचना --व्यूह के बीच में अभिमन्यु--जयद्रंथ के द्वारा पाणडवों का रोका जाना--अभिमन्यु का आश्चयकारक युद्ध --सात रप्रियों के द्वारा अभिमन्यु का वध--पाणडवों का शोक--श्रजु न का शोक--जयद्रथ के बघ के लिए अजु न की. प्रतिज्ञा --सिन्घुराज जयद्रथ का भय और द्रोण का उन्हें घीरज देना--पाण्डवों की रानियों के छप्ण का समभाना--जयद्रथ की रक्या के लिए द्रोण का व्यूह बनाना--जयद्रथ के मारने के लिए अजुन की. यात्रा --द्रोण का उल्लब्वन करके अजुन का निकल जाना--दु्यंधन का डर--दुयोघन के शरीर पर श्रक्षय कवच का बाँधना--अजुन और दु्घन--युधिष्ठिर की घबराहट--अजुन की रक्षा के लिए सात्यकि और भीम के भेजना--क्णे के हाथ से भीम की. हार-- सात्यकि और भूरिश्रचा--भूरिश्रवा के साथ अजु न का अनुचित व्यवहार-- जयद्रथ के पास अजु न का पहुँचना --कौरव लोगों का श्रम --जयद्रथ की सृत्यु --दु्ाघन और द्रोश का परस्पर तिरस्कार--कण श्र कप का. विवाद--कण के साथ घटोत्कच का युद्ध--घटोत्कच के मारने के लिए कण का इन्द्रदत्त अमाव-शक्ति छोड़ना--रात का युद्ध द्रोण के हाथ से विराट और द्रपद का वध--द्रोण की शक्ति नाश करने के लिए उन्हें धोखा देना--शश्वव्थामा के मारे जाने की भूठी खबर--हस्तिनापुर में द्रोण का मृत्यु-संवाद । ५-श्न्त का युद्ध २५४ करे का सनापतित्व--कणे के साथ युद्र करन के लिए अजुन का युधिष्ठिर का आज्ञा-- कण और नकुल--कण की अन्तिम युद्ध करने की प्रतिज्ञा--कण के रथ पर शत्य का सारध्य-- इच्छानुरूप वावय कहन क विषय में शत्य का नियम--शत्य की शठता से कण की तेजाहानि--कण और भीम--कण और युधिष्ठि--युधिष्िग का शिविर में लौट आना--उजुन का आना श्र युधिष्ठिर का क्षोभ--अजुन और युधिधिर का विवाद--अजुन की कण-बध-प्रतिज्ञा--भीम 'और कण और अजुन का युद्ध--कण के रथ का कीच में फँसना--कणे की मृत्यु--दुयाधन और कप का संवाद--अश्वत्थामा का अविचल उत्साह--शत्य का सेनापतित्व--शहत्य के मारने के लिए युधिष्ठिर का उद्योग--श्य की स्ृत्यु--भीम के हाथ से धघरूतराष्ट्र के पुत्रों का संहार--सहदेव और शकुनि--कौरवों की सेना का प्राय: निःशेष होना--युयुत्सु का हस्तिनापुर लौट आना | -युद्ध को समाप्ति ली मी .... २७१५ तालाब में दुयोघन का प्रवेश--पाणडवों का दुयेधन के ढूँ दना--युधिधिर के द्वारा दु्यधन का तिरस्कार--एक पाणडव के साथ युद्ध करने के लिए दु्धन का निश्चय--बलराम का




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