जैनधर्म के प्रभावक आचार्य | Jainadhram Ke Prabhawak Acharya

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Jainadhram Ke Prabhawak Acharya by आचार्य तुलसी - Acharya Tulsi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(उन्नीस ) '४३. चत्य-पुरुप आचार्य जिनचन्द्र (मणिधारी ) दे २८४ ४. कवि-किरीट आचाये रामचन्द्र ३े३०- ४५. उदारहुदय आचायें उदयप्रभ २३३ ४६. प्रतिभा-प्रभाकर आचायं रटनप्रभ ३३९४ '४७ तप के मूर्तं रूप भाचायें जगच्चन्द्र ३३७- ४८. बौद्धिक-रत्त आचार्य रत्नाकर ३३९ '४€. तत्त्व-सिप्णात आचाये देवेन्द्र ३४१ प्० , शब्द-शिह्पी आचार्य सोमप्रभ ३ ए१. मत्ति-मातंण्ड आचार्य मल्लिपेण ३४ हे- पू२. जन-जन हिंतेषी आचायें जिनप्रभ ३४४५ प३. कुशल शासक आचार्य जिनकुशल ३४७: प४. महामेघावी भाचायें मेरतूंग ३४८ श्र. गुण-निधान आचाये गुणरत्त ४६ अध्याय चीन : नवीन युग १, वाचोयुक्ति-पटु भाचायें ही रविजय २५३ २-३. वाद-कुशल आचार्य विजयसेन और विजयदेव रु ४. जिनधमं प्रभावक आचाये जिनचन्द्र ३१ पर. क्षमा-मुर्दिर आचार्य ऋषिलव ३४६ ६. धमंध्वज माचार्य धर्मसिहजी ३४९ ७. दृढुप्रतिज्ञ भाचायें धर्मेदासजी रेद्० ८. प्रवल-प्रचारक आचायें रघुनाथ है ३६२ €. इन्द्रिय-जयी आचायें जयमल्ल ३६३ १०. मंगल प्रभात आचार्य भिक्षु ३६६ ११, प्रज्ञा-प्रदीप भाचायें जय ३७१ १२. विद्या-विभाकर आचार्य विजयातन्द ७४ १३. अज्ञान-तिमिरनाशक आचायं अमोलक ऋषि ३७६ १४. चिन्मय चिराग आचायं विजय राजेन्द्र ३७८ १५. करुणा-स्रोत भाचायें कपाचन्द्र ३७६. १६. शास्त्-विशारद आचायें विजयधर्म ३८० १७. विश विचारक आचायें विजयवल्लभ नि 4 १८. योग-साधक आचार बुद्धिसागर श८र १९. समता-सागर आचायें सागरानन्द ३८ २०. कमनीय कलाकार आचायें कालूगणी ३ २१. प्रवचन-प्रवीण आचायें जवाहर ३८७




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