कोविद - कीर्तन | Kovid - Kirtan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
43 MB
कुल पष्ठ :
144
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about महावीरप्रसाद द्विवेदी - Mahaveerprasad Dvivedi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१० .......काविद-कीर्तन
शब्दशास््र में आपटे की विलक्षण गति थी । . पाणिनि के
“'शकघुषज्ञाग्लाघटरभलमक्रमस दाहास्त्यथ पु तुमुन”” इस सूत्र पर,
सिद्धान्त-कौमुद्दी में, भट्टोजी दीक्षित ने कहा है--
अर्थत्रहण मस्तिनेव संबध्यते । अनन्तरत्वात् ।
दीक्षित के इस कथन का, झापटे ने, झपने “संस्कत-गाइड””
के 'तुमू” प्रयय ( 1िएधए6 ए0006 )) प्रकरण में; सप्रमाण
्रौर सयाक्तिक खण्डन किया है। यह पुस्तक इतनी उपयोगी
्रौर सर्वप्रिय है कि थाड़े ही समय में इसकी कई ध्रायुत्तियाँ
निकल चुकी हैं ।
_ दारिद्रग्रस्त होकर भी झभिरुचि होने से मनुष्य उच्च से
उच्च विद्या सम्पादन कर सकता है श्र भ्रपनी विद्वत्ता के बल
पर वह अल किक प्रतिष्ठा-भाजन भी हो सकता है। श्रापटे
के चरित्र से यही शिक्षा मिलती है ।
[ जनवरी १६०१
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