सोवियत संघ का शासन | Soviyat Sangh Ka Shasan
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
234
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about महेंद्र प्रकाश अग्रवाल - Mahendra Prakash Agarwal
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)गणुरा यों का शासन तथा स्थानीय स्वशासन २१
के चेाधिकार में आने वाल विधवा पर विधिया बनाती हें. तथा श्रपना मेसी
त्यिम निवाचित करती है | स्वायत्तशासी गणरा या की सव्राच सोपियतें आपने
श्रपने गणराय के लिप मात्र परिषदों तथा सर्वी च न्यायालया को भी निवाचित
करती हैं ) सर्वोच सोवियत क सनायकाशं काल मं उसके श्रविकाश वार्व उसका
प्रेसीरियम करता है | स्पास्तशासी गणराया की स्जि परिपद प्र प्रवर्तित
विविया के आधार पर रिनिश्चय य्ौर झ्ादेश जारी कर सता है,
परहु सप गणराय की मा परिपट र हैँ निलम्बित कर सकती हे । श्पना इस
वि के द्वारा रप-गणुरा ये की माय परिपट रुरायत्तशासी गणराया पर पयाप्त
पयनण रखती हे।
स्पायतशासी केत्रों तथा राष्ट्रीय चेन्नों की शासन व्यवस्था
सर गणसया क चाताय झाधार पर किए गए उपप्िमायो मे स्वायत्तशासी
गणगया के पश्चात् स्वायत्तशामी त्तेत्रा ( ै७१०0०प०००३. ८1095 ) तथा
राय क्षेत्र ( ऐस8००३! एव ) ना स्थ्न याता हे । इन उपविभागा की
ननसस््या यहुत कम होती हे । प्रयेक स्वायलशासी मे तथा राघीय तर म
नागखिों क द्वाण दो वष की द्ववाधि के लिए, निाचित “अ्रमतीवी जन 1
निमुटिया का सोपियत (5076६ ०६. एएं०८!पट्ट ४०9! 5 एप्प दाता
हे जा यपन शधीन शासनागा के कार्यो का निर्देशन करती है, रायजनिक
पता मनाए रने का प्रबथ करता हें, नागरिका के झधिकारा को सरद्ित
करती हैं तथा विधियां क पालन का छभीकाण करती है ) न सुनरों बी सौवियर्ता
को रयानांप य्रार्थिक तथा सास्कतिक मामला का निंेशन करने तथा रंथानाय
आर “ययक तैयार करने का आधिकार मी टिया गया है। सोवियत सप तथा
सप-गणराय की पिंधिया द्वारा जो शक्तिया इस *। गई हैं उनवी सीमा के
अन्तमत यह पिनिश्चय झमीकत करती है तथा द्ातेश जारी कर सकती हे ।
'मजीवी 'चनता के प्रतिनिधियों की सोनियव चुत के काययालिका तथा म्रशास
कॉय अग कायकारिणी रुमिति, को निर्गाचित करती हैं निसमें एक समापति
उपसमापति एक सयी तथा कुछ सदस्य होत है; उद का्यकारणी सपिति चेन
का सापियव क यरति उत्तरतायी होती हे तथा उरुक सम श्पने का के समय
में श्ास्वा यस्तत करती है । सप गणरात्य की मत परि दू स्वायतशाठी चूरन
User Reviews
No Reviews | Add Yours...