सोवियत संघ का शासन | Soviyat Sangh Ka Shasan

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Soviyat Sangh Ka Shasan by महेंद्र प्रकाश अग्रवाल - Mahendra Prakash Agarwal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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गणुरा यों का शासन तथा स्थानीय स्वशासन २१ के चेाधिकार में आने वाल विधवा पर विधिया बनाती हें. तथा श्रपना मेसी त्यिम निवाचित करती है | स्वायत्तशासी गणरा या की सव्राच सोपियतें आपने श्रपने गणराय के लिप मात्र परिषदों तथा सर्वी च न्यायालया को भी निवाचित करती हैं ) सर्वोच सोवियत क सनायकाशं काल मं उसके श्रविकाश वार्व उसका प्रेसीरियम करता है | स्पास्तशासी गणराया की स्जि परिपद प्र प्रवर्तित विविया के आधार पर रिनिश्चय य्ौर झ्ादेश जारी कर सता है, परहु सप गणराय की मा परिपट र हैँ निलम्बित कर सकती हे । श्पना इस वि के द्वारा रप-गणुरा ये की माय परिपट रुरायत्तशासी गणराया पर पयाप्त पयनण रखती हे। स्पायतशासी केत्रों तथा राष्ट्रीय चेन्नों की शासन व्यवस्था सर गणसया क चाताय झाधार पर किए गए उपप्िमायो मे स्वायत्तशासी गणगया के पश्चात्‌ स्वायत्तशामी त्तेत्रा ( ै७१०0०प०००३. ८1095 ) तथा राय क्षेत्र ( ऐस8००३! एव ) ना स्थ्न याता हे । इन उपविभागा की ननसस््या यहुत कम होती हे । प्रयेक स्वायलशासी मे तथा राघीय तर म नागखिों क द्वाण दो वष की द्ववाधि के लिए, निाचित “अ्रमतीवी जन 1 निमुटिया का सोपियत (5076६ ०६. एएं०८!पट्ट ४०9! 5 एप्प दाता हे जा यपन शधीन शासनागा के कार्यो का निर्देशन करती है, रायजनिक पता मनाए रने का प्रबथ करता हें, नागरिका के झधिकारा को सरद्ित करती हैं तथा विधियां क पालन का छभीकाण करती है ) न सुनरों बी सौवियर्ता को रयानांप य्रार्थिक तथा सास्कतिक मामला का निंेशन करने तथा रंथानाय आर “ययक तैयार करने का आधिकार मी टिया गया है। सोवियत सप तथा सप-गणराय की पिंधिया द्वारा जो शक्तिया इस *। गई हैं उनवी सीमा के अन्तमत यह पिनिश्चय झमीकत करती है तथा द्ातेश जारी कर सकती हे । 'मजीवी 'चनता के प्रतिनिधियों की सोनियव चुत के काययालिका तथा म्रशास कॉय अग कायकारिणी रुमिति, को निर्गाचित करती हैं निसमें एक समापति उपसमापति एक सयी तथा कुछ सदस्य होत है; उद का्यकारणी सपिति चेन का सापियव क यरति उत्तरतायी होती हे तथा उरुक सम श्पने का के समय में श्ास्वा यस्तत करती है । सप गणरात्य की मत परि दू स्वायतशाठी चूरन




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