नीरा | Niiraa
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
157
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्री व्यथित हृदय - Shri Vyathit Hridy
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)| २.
दिल्ली में बाबू प्रमोद राय का बड़ा नाम था । नगर में
उनकी कई दुकानें, और मकान थे । पैतुक सम्पत्ति भी अच्छी
थी। सम्पत्ति के साथ ही साथ सम्मान का तार भी परम्पर। से
अखण्ड रूप में चला अआ रहा था। समाज और नगर में यदि कोई
प्रमुख कार्य होता तो उनकी पूछ अवश्य होती । उत्सव, सभा-
समितियाँ प्रमोद राय के बिना सूनी लगतीं । उनकी 'हाँ ' में 'हां'
और '“नहीं' में “नहीं' मिलाने वाले उनके अनेक साथी थे । कुछ
हृदय के उदार थे, किन्तु उदारता से अधिक पैसे का प्रभुत्तव
अधिक था । पैसे के प्रभुत्त्त ने मानवता को दा दिया था, और
प्रमोद राय चारों शोर प्रमोद राय हो रहे थे ।
पाठक अभी पुलिन को न भूले होंगे । पुलिन इन्हीं प्रमाद-
राय का पुत्र था। एक ही पुत्र था, इसलिये प्रमोद राय की
प्र
User Reviews
No Reviews | Add Yours...