आलाप पद्धति | Aalap Paddhati

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Aalap Paddhati by रतनचन्द जी जैन - Ratanachand Ji Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ११ ) पट स्वजाति-उपचरित-असदृभुत-व्यवहार नय १६ १३७ &० विजाति-उपचरित-झसद्झूत-व्यवह्दार नय १७ श्श्द €्१्‌ स्वजाति-विजाति-उपचरित-श्रसदुभ्नुत-ब्यवह्दारनय १७ श्३् गुरण-व्युत्पत्ति-श्रघिकार १७-१८ १४०-१४८ €२-४ ३ गुण श्रौर पर्याय का लक्षण श्७ ११४० श््ड अ्रस्तित्व स्वभाव का लक्षण १७ श्४१ ४ वस्तु स्वभाव का लक्षण श्७ | सामान्य के भेद १४१-१४२ विदोष के भेद १४१-१४२ पर्याय का लक्षण १४१-१४९ €दु-€'७ द्रव्य का लक्षण श्७ श्र ८ प्रमेय स्वभाव का लक्षण १७ १४ दे वर्तमान पर्याय ही प्रमेय है १४४ €६ (गा. ४) श्रगुरुलघु गुण का लक्षण श्प रू १०० प्रदेश का लक्षण श्घ १४ १०१ (या. ६) चैतन्य का लक्षण ८ १४६ श्न्र झचेतन-स्व माव श्८ रू ४६ १०३ मत ८ १४६ जीव सूतें है ७ १०४ भ्रमुतं श्८ श््८ पर्याय की व्यृत्पत्ति श्द १८-१४ १्०्थ्र पययि का व्युत्पत्तिझर्थ १६ १४८ स्वभाव-व्युत्पत्ति अथिकार १६-२१ १४६-१५७ श्०्द अझस्ति-स्वमाव २६ १४६ श्०्७ नास्ति-स्वभाव श्श र्ब्ट श्ण्प नित्य स्वभाव श्€ १५०




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