हिन्दी विश्व भारती खण्ड 4 | Hindi Vishv Bharti Khand 4

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Hindi Vishv Bharti Khand 4 by श्री नारायण चतुर्वेदी -Shri Narayan Chaturvedi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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घ्याकाश की यातें पाए शू | जो प्रस्निपिड हमे चढद्रमा के समान पड़े दिग्यलाई - पढ़ते हि वे एक दी पत्थर ने दोते होंगे, दन्यथा थे यायु में ही भस्म न हो जाति 1 घयशर दी ऐसे प्रस्तिपिंड उदका- समूद होते होंगे, जो पास-पास रदने के फारण वर श्रपने स्त्यंत तेज के कारण हमें एफ पद के समान दिखलाई पढ़ते हूं । उदकोन्सड़ी केवल उका प्रस्तर दी समूद में नहीं चलते । पभी- कमी छोटी-छोटी उत्फाए भी सेफ्डों,एज्ारों थी संख्या में देखी जाती दे । इस घटना को 'उच्का कड़ी” चएते हैं । कभी-कभी घरटों तक उस्फा कश्ी लगी रदती है । एफ कद दुर्णक नें पा उदफका कड़ी का सिम बर्ने दिया है हनन १२ नवम्पर, इ७६६, को तीन मे तड़के लोगों से मूके उफापात देखने के लिए. यगाया | घटना इप्द्ा्ट घ्ीर भयानक थी । सारा श्रायाश ऐसा जान पढ़या था मानों श्रातिशपाती के चारों से प्रकाशित हो उठा हों । यद घटना दिन निकल य्राने के याद फेसल सूर्य ऊे प्रयाश से दी यद हुई । प्रति लग 'उदकाएँ उत्तनी हो श्रसख्य लाने पड़ती थीं जिसे तारे, 'प्रौर प्रतेश दिया की श्रोर उड़ रही थीं | फेपल वे प्रथवी से श्ायाश की शोर नहीं जा रढ़ी थी । बम्तुत, सभी उदहाश्रों का मांग प्रप्वी की थ्रोर दी थे)ढ़ा बहुत झुका सा. जान पता था शरीर जिस या अप बा पक कोल बारिश गा नह गिर न नली जनक पा कॉश्णाा लिथ नमन न. वेब लिमयर भ् दा पटल रत नदलननसाकरशानालतनरनिटकनीटरपरनािन दा शा के जता हिप *«, पर लिन दर नदी कर दि. नम || न # एज... डंन्य है. नेक नस्रारट्रादीं द पल प्् न्स् ८ न हा जलन कर न । न १ 3. ४ कि न । ज हे ७. कं ग्रे न का डर कस के भी डर २ ज्थ गे नल व हा गन वर न्भ न | है न न क | ि थ् न न हे 2. हर ली गज न दि पु ५ के ् उरँ प्र है न भ् दे का रो नाप का म्श नम न दा ह कं ही व 1 दल टत ही टि गै धद ह के ही थ हक कफ .. हर कक रस के. दर दे कै. के जथम श न न्त क्‍ि ४: हर भें हू के कद ही शव भा रद हू न हि नी चर जन कक नि दर्द गे 1 हनन गम जग कं, भुला हु नं व के री दे हे इक डर यू कर हा दर प्र >. है ७. हे हर द् द ्श के की खेद के ले न दर न शुन अर किम ्ठ द्र कच कै 2 गै न ्फु था कर दि प्र थे दायर कर सर न हि 1 हु ४ पं ह डर ही ञै भ पिरिकि, द्वन दा बेस द 22 दर के लि दस ३. *हि धरिय 4 हा रु . न | ह्ह पद ही कर कस का रु कप है 1 श 5 फल £ के फ ही डी नए हद” + हु ट रे थे. हनन 3 ट् भय के दर दर झ द् द सपा, हरि. रग्ज् नि है कट ४ ष पर का ; «न ये सर डा लि बन हद न के श जा पं द् 4 हू हे सनम हैं के फ हा लोग ! न जी ४ रन रे हे कै हर 2 श्न्द डक ह थथ ि 4. / भ् दी भा की उन. का दर रि हर गा दा पर कि डर का. कि. मन टन जि दल का क्न नल थ जे, का नी ग भर न के हि दर सं नल ह) १ के दे डे फ न ध रद की हे न 2. न के न जा श बे. उभ्न म शश पर न रे ) क् १ दि न पल लि भ गा मन्य व नि न उ कि मी बन हनी मी कस न कल अब तक पांया गयो”संसार का सबसे बड़ा उदका-प्रस्तर यह झमेरिका के न्यूय(क॑ शहर के एक धज्ायथघर में यह मीसकाय श्राकाशीय वजन उत्तरी घ्रूच की खोज द्वीप में पढ़ा सिज्ञा था । इसके झाकार का कुछ घन जन सुरक्षित है. धोर चज़न में ३७ टन भ्र्थातू लगभग १००० सन है । करनेवाले सुप्रसिद्ध एढमिरल पेरी को भरीनलैणड के द्माचछुदित का, मान झाप समीप खदे हुए व्यक्ति की ऊँचाई द्वारा कर सकते हैं । ०-ममेरिफान म्यूजियम 'झाक़ नेचरक दिस्ट्री' | 1 ड




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