हिन्दी विश्व भारती खण्ड 4 | Hindi Vishv Bharti Khand 4
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
41 MB
कुल पष्ठ :
528
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)घ्याकाश की यातें
पाए
शू | जो प्रस्निपिड हमे चढद्रमा के समान पड़े दिग्यलाई
- पढ़ते हि वे एक दी पत्थर ने दोते होंगे, दन्यथा थे यायु में
ही भस्म न हो जाति 1 घयशर दी ऐसे प्रस्तिपिंड उदका-
समूद होते होंगे, जो पास-पास रदने के फारण वर श्रपने
स्त्यंत तेज के कारण हमें एफ पद के समान दिखलाई
पढ़ते हूं ।
उदकोन्सड़ी
केवल उका प्रस्तर दी समूद में नहीं चलते । पभी-
कमी छोटी-छोटी उत्फाए भी सेफ्डों,एज्ारों थी संख्या में
देखी जाती दे । इस घटना को 'उच्का कड़ी” चएते हैं ।
कभी-कभी घरटों तक उस्फा कश्ी लगी रदती है । एफ
कद
दुर्णक नें पा उदफका कड़ी का सिम बर्ने दिया है हनन
१२ नवम्पर, इ७६६, को तीन मे तड़के लोगों से
मूके उफापात देखने के लिए. यगाया | घटना इप्द्ा्ट
घ्ीर भयानक थी । सारा श्रायाश ऐसा जान पढ़या था
मानों श्रातिशपाती के चारों से प्रकाशित हो उठा हों ।
यद घटना दिन निकल य्राने के याद फेसल सूर्य ऊे प्रयाश
से दी यद हुई । प्रति लग 'उदकाएँ उत्तनी हो श्रसख्य लाने
पड़ती थीं जिसे तारे, 'प्रौर प्रतेश दिया की श्रोर उड़ रही
थीं | फेपल वे प्रथवी से श्ायाश की शोर नहीं जा रढ़ी
थी । बम्तुत, सभी उदहाश्रों का मांग प्रप्वी की
थ्रोर दी थे)ढ़ा बहुत झुका सा. जान पता था शरीर जिस
या अप बा पक कोल बारिश गा नह गिर न नली जनक पा कॉश्णाा लिथ नमन न. वेब लिमयर भ् दा पटल रत नदलननसाकरशानालतनरनिटकनीटरपरनािन
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अब तक पांया गयो”संसार का सबसे बड़ा उदका-प्रस्तर
यह झमेरिका के न्यूय(क॑ शहर के एक धज्ायथघर में
यह मीसकाय श्राकाशीय वजन उत्तरी घ्रूच की खोज
द्वीप में पढ़ा सिज्ञा था । इसके झाकार का कुछ घन
जन
सुरक्षित है. धोर चज़न में ३७ टन भ्र्थातू लगभग १००० सन है ।
करनेवाले सुप्रसिद्ध एढमिरल पेरी को भरीनलैणड के द्माचछुदित
का, मान झाप समीप खदे हुए व्यक्ति की ऊँचाई द्वारा कर सकते हैं ।
०-ममेरिफान म्यूजियम 'झाक़ नेचरक दिस्ट्री' |
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