ठण्डा लोहा तथा अन्य कविताएँ | Thanda Loha Aur Anya Kavitayai
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.35 MB
कुल पष्ठ :
96
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)उदास तुम तुम कितनी सुन्दर लगती हो जब तुम हो जाती हो उदास ज्यो किसी गुलाबी दुनिया में सुने खरडहर के आसपास मदसरी चॉदनी जगती हो / सह पर ढँक लेती हो आँचल ज्यों दूब रहे रवि पर बादल या दिन भर उड़ कर धकी किरन सा जाती हो पोखे समेट ऑआँचल मे अलस उदासी बन / दो भूले भटके साध्य-विहग पुतली में कर लेते निवास / तुम कितनी सुन्दर लगती हो जब तुम हो जाती हो उदास / खारे आधू से घुले गाल रूखे हल्के अधखुले बाल बालों मे अजब सुनहरापन सरती ज्यों रेशम की किरने संका की बदरी से छुन छुन / मिसरी के होठों पर सूखी किन अरसानों की विकल प्यात / तुम कितनी तुन्दर लगती हो जब तुम हो जाती हो उदास / १४
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