महामारिका विवेचन | Mahamarika Vivechan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
118
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)महंमारीका विवेचुन । (११)
आदि ) मे बहत जर्चर हो अथवा एकवारदी स्व ,
नए रोजावे या उन जखाश्चयोका जर सुखकर थोडा
रहजाने पर् काममे छाया नावे था नर प्रिय नदी
ठगे या उप्तके गुण (अन्न पचाना तृषा शाति करना
आदि ) जति रहै ॥
देशंएनः प्रकृतिविकृतिव्णेगधरसस्पशं
क्लेदबडलसुपसंसषप्टसरीसपव्यालमशक-
शलभमक्षिकागपकोटुकरमाशानिकश-
कुनिजम्ुकादियिस्त्रणाटुपोपवनर्वतं
प्रतानादिवहृलमपूरवेवद्नपतितञ्चष्कन-
शस्यं धूम्रपवनप्रश्म॒तयत् निगणसु
त्कृषएटश्चगणञद्रतव्युयितविविधममप
क्षिसघसत्छष्टानष्टषमसत्यलनाचारण-
जनपदं शश्ल्ुमितोदीणसटिलः
शयप्रततोस्कायातनिषातभूमिकम्पमः
तिभयारावरूपं रुक्षताभ्रारुणसिताम्रना
छसंदृताकचन्द्रतारकमभीक्ष्णसम्भ्रमो-
दरगमिवसासरुदित्मिव समस्क्मिव
हयकाचरितमिवाक्रंदितंशब्दवहरंविद्यात्॥
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