साहित्यकार मानकचंद नाहर व्यक्तित्व एवं कृतित्व | Shahitya Manakchand Nahar Viyaktav Or Kratitv

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Shahitya  Manakchand Nahar Viyaktav Or Kratitv  by तुलसीदास - Tulaseedas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१८ व0 पाणकचद नाहर टिप्पणी बडी सजग, जागरूक और आतरिंक पट को खोलने वाली होती है । कभी कभी श्रोता के रूप में उनकी-टिप्पणी उस समारोह की विशेषता बन जाती है । उनकी टिप्पणी को अन्य श्रोतागण मार्फिक ढंग से समभने का प्रयास करे” । अन्तत माणकचन्द जी नाहर एक स्वतत्र घितक, स्वाभिमानी एव सवेदन- शील मानव तथा अध्ययनरत अव्यवसायी के रूप में हमारे स्नेह और श्रद्धा के पात्र है । भापकी सबसे वडी विज्षेपता यह है कि आप हृदय से शुद्ध ओर दढ चरित्र के स्वामी है तथा गुरूभो मे आपकी अनन्य श्रद्धा है । भापका स्वतत्र व्यक्तित्व और गरिमामयी प्रतिभा उदाहरण की वस्तु है । जज जे २--साहियानुशीनन समिति, मद्रास दास आयोजित प्रेमचद जम शताब्दी समारोह (६०८० में बातलिप में कही गयी प्रतिक्रिया) 1




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