पतन की परिभाषा | Patan Ki Paribhasha

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Patan Ki Paribhasha by श्री परिपूर्णानन्द वर्मा - Shri Paripurnanand Varma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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धमं ओर नीति ७ पता चला कि उनमें से केक ३११ एसे अपराधी थे जिनके माता-पिता शराबी थे। इनमे से १२९ एसे पिताथे जो कभी-कभी नदे मेहो जाते थे तथा एेसी ९ मातां थौ । ११८ पिता प्राय. नरे में रहते थे तथा ५ माताएँ भी; ओर २५ पिता तथा ८ मातां हमेशा नशे मे चूर रहती थी; पर ३११ एक तिहाई ही हुभा ।“ यह सब लिखने का तात्पर्य यह है कि पहले यह समझना चाहिए कि जिसे हम पतित तथा अपराधी समझते हैं वहू कौन व्यक्ति है। उसकी परिभाषा क्या है। वेद तथा शास्त्र ने दंड को समाज की रक्षा के लिए आवद्यक धर्म माना है। धर्म का उल्लघन करनेवाला अपराधी है । पर, क्या नियमों का उल्लघन करना ही अपराध है? अपराध क्या है? धर्म-विरुद्ध क्या है * समाज-विरुद्ध कया है?




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