जैन बाल गुटका भाग - 1 | Jain Bal Gutaka Bhag - 1
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
106
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जैनेवाछगुरका प्रथम भाग । प
८
१४ चौदह प्न प पताल से निकछता नागेन्द्र की भवन दीसे ह
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१५ पंद्रहवें स्वप्न में अरुण जे पद्म रागमणि (कुन्ती) (सूरः)
उञ्पेख जे वज्रमणि (हीरा) हरिति जे सरकत मणि (पन्नाक्याम जे
इन्दर नीरमणि (नीलम), ओर पीत जे पष्प राग मणि (एषराज,
इत्यादि रलो की बी ऊंची राशि दीखें है ।
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१६ सोरहवे खप्ने मे बरती हं निधूम अगि दले है ।
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