भीष्म | Bhishm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
204
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)` हृदय । ] पहला अंक । ५
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णी मी मीर
¢ सखी-अच्छा हमने माफ किया । अब घर चलो ।
सत्यव०---तुम मुझे प्यार करती हो ?
१ सखी --८ हँसकर ) प्यार करती हैं ?--कौन कहता है ?
२ सखी---प्यार करती हैं £ बिलकुछ नहीं--जरा भी नहीं ।
३ सखी--तुमको हम सब दुश्मनकी नजरसे देखती हैं ।
४ सखी--हम प्यार करती हैं या नहीं, यह पूछ रही हो १
सत्यबती--मैं सच कहती हूँ, अगर प्यार करती हो, तो अब इस
पापिनी घीवर-कन्यासे घृणा--घृणा करो ।
१ सखी---यह तुम क्या कह रही हो 2
सत्यव ०--तुम क्या जानती हो कि मैं कौन हूँ !
३ सखी--जानती हैं--सत्यवती हो ।
सत्य०--और कुछ जानती हो !
३ सखी--तुम घीवरराजकी कन्या हो और तुम्हारी जवानी सदा
बनी रहेगी ।
सत्य०--और कुछ जानती हो !
४ सखी--बस, और तो कुछ नहीं जानतीं ।
सत्य०--तो फिर तुम कुछ नहीं जानतीं, और न कभी
जानोंगी ।---जा ओ प्यारी सखियो, सब घर चली जाओ, मैं नहीं जागी
१ सखी- क्यो
सत्य ०--यह नहीं वतार्डगी |
२ सखी-- क्यों ९
सत्य०--इस “क्यो का ठीक उत्तर कभी नहीं पाओगी |
जाओ घर ठौट जाओ । में नहीं जागी । मेरे घर द्वार कुछ
नहीं है ।
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