प्रपंच-परिचय अर्थात संसार का दार्शनिक विश्लेषण | Prapanch-Parichay Arthat Sansar Ka Darshnik Vishaleshhan

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Prapanch-Parichay Arthat Sansar Ka Darshnik Vishaleshhan by आचार्य विश्वेश्वर सिद्धान्तशिरोमणिः - Acharya Visheshwar Siddhantshiromani:

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कमे-विभाग कर्मयोग ओर कम-सन्यास बारहवा परिच्छेद ( पुनजन्म ) पुनर्जन्मकी दार्शनिक युक्ते जन्मान्तर स्पछरति पक पाश्चात्य कटपना पुनजेन्मकी उपयोगिता | ९ व्रताय खण्ड वह्‌ ? तेरह परिच्छेद है (~~ दाशनिक युक्ति ईभ्वरका स्वरूप वहु-देव.वादं खुदा ओं शैतान चौदरर्वा परिच्छेद सांख्याचायं कपिल भगवान्‌ बुद्ध पन्द्रह परिच्छेद सामाजिक बहिष्कार अद्वैतचाद १६७ १९७५५ १७७ १८२ १८९५. १९.० १९५५ २९.९. २१९ २९१९५ २२५५




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