प्राचीन हिन्दू मातायें | Prachin Hindu Matayen
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.15 MB
कुल पष्ठ :
152
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)क# आडिमू %
क प्राचीन हिंदू सातायें %
हर
शिव की दो मातायें ।
न च अभी बहुत छोटी आयु का था कि उसकी
माता का देद्दान्त दोगया । नन्दं चाठककों
हि 8 उस समय इतनामी चोघ नं था कि चहद:
(करे. अपनी इस को समझ सकता
केचल तीन चपे की आयु थी ।, उसे कोई शान नहीं था ; कि
मरना और जीना किसको, कदते हैं. । नदी के किनारे एफ
पदाढ़ के ,समीप चिता चनाकर माता, जी की ठोथ दग्ध
करदी गई ! संध्या के समय शिव ने अपनी तोतरी भाषामें
नानी जी से पूछा दीदी कहां ? शिव अपनी माता - को
दोदी कद्दा करता थ!; नानी जी ने रो कर उत्तरदिया वच्चे 1
तेरी माता खर्ग को गई, ईश्वर से उसको बुला लिया, नदी
कं किनारे घद्द जल कर राख हागई 1 दिव की समझ म
नानी की वात नहीं आईं किन्तु चद्द दकावका होगया।
अभी सूर्य, भगवान उदय नददं हुये थे कि चद् नन्हां चालक
User Reviews
No Reviews | Add Yours...