जम्बुचरियं | Jambu Chariyam

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Jambu Chariyam  by आचार्य जिनविजय मुनि - Achary Jinvijay Muni

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जेबुयरियं - प्रस्ताचवा बरकमलसरिसवयणा कमलदलच्छी थ चारुकमलकरा । वियसियकमलनिसण्णा सुयमयदेवी नमेऊण ॥ आयरिय उबउ्ज्ाएं साहुजण शगुरुअणं च नमिऊण । जह वि हु एयं बहुसों अणेयसाइुहिं आगमे मणियं । तहवि य फुडवियडत्य संखेवेण अष्टं भणिमो ॥ सुयणो सोडण ह्म गुणगहणं कुणई जहवि ते नत्थि | गुणभूसिए वि क्वे दोसे गिष्हह्‌ खलो चेव ॥ सुयणाण किं न नमिषह जे वि य दोसे वि [ प० २, ^ ] पेच्छहिं गुणोहे । पियजणविरहे जह कोह पिअयणं पेच्छई वणं पि ॥ न हु निम्मला वि किरणा रिणो पेच्छेर शोसिओ तमसे । तह चेव गुणा इह दुञ्जणो वि पेच्छेद विवरीए ॥ जह विह वहामि अहं खलाण एमेव तह वि ईवियाण । तहवि महंत वसणं नो तीरह छडिठं एयं ॥ अह वा- जो विय एकस्स खो सो चिय अण्णर्स सज्जणो होई । कह सुयण-दुज्ञणाणं पसंस-निंदा अहं करिमो ॥ जेण भणियं- र्ता पेच्छति गुणा दोसा पेच्छ॑ति जे रिरदति । मज््षत्था पण परिसा [ १०२, ? ] दोसे य गुणे य पेच्छंति ॥ ता मश्न्तथा तुम्हे दोसे परिहरह तहवि दद्ण । गिष्दह विरले वि गुणे सुयणसहावे पि मा मुयह ॥ एत्थ य चारि कहाथो पण्णतताओ जिणेहिं सब्वेहिं । अत्थकहा कामकहा धम्भकदा मीसगक्डा य ॥ अत्थकडाए अत्थो कामो तह चेव कामुयकहाएं ।. मण्णद्‌ षम्भकहाए चउव्विहो हीह जह धम्मो ॥ सो पुण एसो मणिम जिणेहिं जियराम-दोस[ ष० ३, ^ ] मोहिं ॥ तव-सीर-दाण-भावणमेशणं होड चददाओ ॥ अणसणमा्य तवो सीरं पुण होइ चरण-करण हु । जीवदयाई दाणं अधुयाई भावणा डुंति ॥ धघम्मी अत्यो कामों भण्णद मोक्खो वि मीसगकहाए । एसा सा मीसकहा भणामि हं जिणवरे नमिडं ॥ २०




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