भेद ज्ञान | Bhed Gyan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : भेद ज्ञान  - Bhed Gyan

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about ब्रह्मचारी मूलशंकर देसाई - Brahmchari Moolshankar Desai

Add Infomation AboutBrahmchari Moolshankar Desai

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
थी परम्गत्मले नमः {छः श्री भगवद्धात्मने नमः श्री परम पारणापिक भावाय नमः श्री ० मद्‌ ज्ञान मङ्गलाचरणम्‌ अभिवंध शिरसा अपुनर्भवकारणं महावीरं । तेषा पदाथ भङ्ग मामे मोक्षस्य चक््यामि ॥ अन्वयाथे-- ( अपुनभवकारण ) मेोक्षके कारण भूत ( महावीरे ) बद्धमान तीथकर मगवानको ( जिरसा ) मस्तकद्वारा ( अमिवंद्य ) नमस्कार करके ८ मो्षस्यमाग >) माक्षके मागे अर्थात कारण स्वरुप ८ तेषां ) उनषडद्रव्योके ( पदार्थं भङ्ग ) नव॒ पदाभेरूप भेदको ( वक्ष्यामि ) कुगा \ वर्तमान पंचम कार्मे अगवान परम भद्रक देवाचिदव श्री वद्धेमान स्वामीका शासन चलता हैं । क्योंकि वह धर्म तीर्थके करता हैं । उनको भक्ति पूर्वक वंदन करके मै मोक्ष मारीके साधन भूत॒ “ भेद ज्ञान का स्वस्प कहुंगा ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now