तेलुगु की 20 कहानियाँ | Telugu Ki 20 Kahaniyan
श्रेणी : कहानियाँ / Stories
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22.81 MB
कुल पष्ठ :
262
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)किन्तु इस पत्र से तो नई बा गले पढ़ गई। मेटिठडा की विनती की रक्षा किस प्रकार हो मेरे मित्र के कारण भी उसे किसी प्रकार की हानि न हो क्या इस बात का मार में ले सकता हूँ यदि मैं मेरिलडा की रक्षा न कर सका तो मेरे जीवन की साथकता कया है मेरा पौरुष किस काम का? इस सुन्दर युवती की रहस्य- मरी कथा का क्या में भी एक पात्र बन गया हूँ ? यदि में उस युवती का दुःख दूर करकें उसकी हार्दिक प्रशंसा प्राप्त कर सका तो मेरा जन्म सफल हो जाएगा। इस पत्र पर यह सुन्दर डिखावट क्या मेटिल्डा के हाथ की है मैं कितना भाग्यवान हूँ। मेटिलडा ने जो कुछ लिखा है उसकी पूर्ति किये बिना क्या में रह सकता हूँ? यदि मेरे पास तीनों ठोकों का राज्य हो और मेटिठ्डा उस राज्य की इच्छा करे तो क्या मैं अपना अधिकार उसे नहीं सौंप दूँगा किन्तु प्रश्न तो यह है कि में अब क्या करूँ ? मुझे व्यावहारिक ज्ञान कम ही है गणेश की मूर्ति बनाते-बनाते बन्दर की मूर्ति घड़ बैठा तो रामराव अनुभवी युवक है सच्चरित्र हैं। उसमें कुशलता की कमी नहीं है। मैंने उसकी बात नहीं मानी। अब चार खरी-खोटी भी सुनाएगा तो सहन कर ढूँगा। उसके पाँव पकड़ कर सहायता मॉगूंगा | मेंने रामराव को अथ से लेकर इति तक पूरी कहानी सुना दी। अपने निश्चय से भी उसे अवगत करा दिया। साथ ही मेरें निश्चय में किसी प्रकार की बाघा उपस्थित न करने की प्राथन। भी कर दी । रामराव ने कहा - तुम्हारा निश्चय तोड़ा जा सकता है यदि इस बात का विश्वास होता तो मैं बाधा अवश्य उपस्थित करता। मेरी बात तुमने सुनी कहाँ अब उल्हना देंने से क्या लाभ यदि में अपने मन की बात तुम्हें न बताता तो मित्र कें प्रति कपट करने का अपराधी सिद्ध होता । बड़े ढोगों का कहना है कि पति-पत्नी के झगड़े में किसी को नहीं
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