शब्दार्थ चिन्तामणि खण्ड-4 भाग-अ | Sabdartha Chntamanih Khand-4 Bhag-A
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
27 MB
कुल पष्ठ :
557
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(१२)
अथा
| यमघण्ट
धमथ, प्व्यन्िप्रधमसुष्दम् ॥ भना
म्. पितर्ंवतस्िनज्यैयप्रसिहि
तू । नग्मप्राथम्यात्+ ध्येपायम
थी' ०« नतुनिषेकप्रायथस्यात् ० जग्म
प्राथम्यसन्द है सुखद नप्राधम्यात्।
इच्यदाइतत्वसू ॥
यतक ,। प° सयमे। ब्रते ॥नन्थे
ष्दालष्मरे १ तक्तक्षयंयथा ।अथेस
शध भिन्नानादर्यानासाप्रन ; श्र
{ति । यसकपादतहागहसितद्याल्य
कलाम् ॥ वण हस्तविशरेषे । यथा ।
नगणमनुदिलचुकुर । फयिभयित
यमखमिति + यथा । बिषमतरविष
मथर | प्रहरमपिनलिरमपि ॥ चिर
यमले ५
यमकालिन्दौ । खौ* सन्नायाम् । सु
घ॑पत्न्याम् ॥
यमकीट, । प० कोटविशेषे । धु-
चरे ॥
यभकाटि . | सीन पुरौविश्ेष + सा
चभ द्राए्ववर्षं खनिरचदेथेलष्धाया :
पर्व प.थिव्याशतुर्थभागेवत ते ॥ य
था । लड्ाकुमध्य यमको टिरस्था :
प्राक पश्चिमेरेमकपसनधझ-। अध
सत ; सिप् रसमेरु : सौम्यऽथ
याम्य वडवानलश्च ॥ कुहत्तपरादा
ग्तरितानितानिस्थानानिषद्गोल-
विदावद्न्ति इति ॥
। यमघगट ! । एप ० चशुसयोगविशिप ॥
॥ ककः
यममपनौ
यथा । रदौमधाचन्दरदिभिविशाखा
चादराकुसे चन्दरभुतेच्म सा । लौ बेड
1 11111111 11
दामघणटयाग :
यमलज : । चि० समकालो नेकगर्भला-
ससन्तानदये ॥
यमदस्नि: प ०» क्चौकसलिपुर्च । प
र्शुरामपितरिमनिविशेघे ॥
यमदूतक : । प ० छ्तान्तचरे । का
के
यमदूतक: 1 प ० वायसे ॥ यमद
चरे ॥
यभ दूतिका । खौ. अन्निकायान् ।
तिम्तिडौहचे ॥ विगरेषत , चारभू
मौप्रोणदायमदूतिका ॥
यमदिषता । जौ भरयौमशचं ॥
यमटहूम : । प ० शाल्मणिहयें ॥
यमहितौया। खौ० कार्सिकशुक्त दिली
यायाम् ।
यमधार , । पर ० पाश्वदयधारयुक्ताख-
विधिषोदहिधारा्खाडान दग भार
यमन : पग यमे ॥ न° वधै ॥
उप्ररतौ ॥
यमनिका । सनौ जवनिकायाम् 1
व्यवधायकदाससि । तिरस्क रिया
स् ॥ यमयति । यम. ।ष्य्.ट.।
खाय कन् ॥
यमपतौ । जौ पमीर्थयाम् विज
यायान् ४
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