अजिताश्रम पाठावली [भाग-1] | Ajitasram Pathavali [Bhag-1]
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
83
श्रेणी :
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अजित प्रसाद - Ajit Prasad
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शीतला प्रसाद - Sheetala Prasad
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)यां तदी इन्द्र आगच्छं आगच्छ, इन्द्राय स्वाहा।
श्रमे श्रागच्छ आगच्छ, अग्नये स्वाहा ।
ॐ यपर आगच्छ आगच्छ, यमाय त्वाह ।
४, ॐ नैच्छत श्रागच्छ आगच्छ, नैऋताय स्वाहा ।
५, ॐ वरुण श्रागच्छ आगच्छ, वरुणाय स्वाहा ।
६, ॐ पवन भ्रागच्छ श्रागच्छ, पवनाय स्वाहा ।
७, ॐ” कुवेर ्रागच्छ अगच्छ, कुवेराय स्वाहा।
८, ॐ देशान गच्छं मागच्छ, एेशानएय स्वाहा ।
६. ॐ धरशीन्द्र आगच्छ आग- छ, धरणीन्द्राय स्वाहा ।
१०. ॐ सोम श्रागच्छ गच्छ, रोमाप स्वाहा ।
यः पाण्डु फमल शिलागतमादिटेव-
मस्नापयन्सुरवरा सुरशल मूध्नि ।
कल्याणमीप्सुरह मक्षत-तो य-पुष्पे।
सेभवायामि पुर एव तदीय विम्बम् । ६ ॥
६
१. ॐ
२. ॐ
३.
( श्री वणे पर जिनविम्व को स्थापना करना )
सत्यल्लवार्चत मुखान्कलधीतरूपय-
ताम्रार-क्ट-घटितान्पयसा सुपूर्णान् ।
सबाह्यतामिव गताश्चतुरः सथद्रान् ,
संस्थापयामि कलशान् जिन वेदिकान्तेः ॥ ७ ॥
(बेदी फे कोनो मे चार कलशो को स्थापना करना )
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