जैन समाज दर्पण 2463 | Jain Samaj Darpan 2463
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm, धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.6 MB
कुल पष्ठ :
147
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)के वन्दे वोरम्ू जगदू गुरुम् #
जैन-समाज-द्पणु
बन्द्ना
ज्ञान-बुद्धि-विवेक के जो प्राथमिक आधार हैं ।
लोक हितकर आत्म-रत भानन्द के भण्डार हैं ॥
है महा मड्लू मयी जिनकी विमल अभिव्यज्नना ।
प्रथम उन जेनेन्द्र को श्रद्धा सहित है बन्दना ॥ १ ॥
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