श्री ममल पाहुडं या अमल पाहुडं भाग - 2 | Shri Mamal Pahudam Ya Amal Pahudam Bhag - 2
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
24 MB
कुल पष्ठ :
469
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about ब्रह्मचारी सीतलप्रसाद जी - Brahmchari Seetalprasad Ji
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ममकपाहुड़
मे रेत
ह -2--2--2. क -- दान नया नयी जन जोन न नायक नसक दानव नयानणजान धन जानणवउनकान,
जिनवर उत्तर जिनय जिनेन्द जिनय जिन नस्द मओ ।
तं टभ्थि अट्ध्थि मरभ्ि जिनय .जिन जिनय सनेदे ५आ ॥
ते यान सन्यान सुन्यान विन्यान ममल रस सुमखरओं ।
न्यानीय सुयं सुबवन्न जिनय जिन जिनय जिन सेहरा ॥
गमओ गम्य अगम्य उवन जिनय जिन सेहरो ॥ ३ ॥
न न्यान लग्थि सु लग्पि सुय॑ सुब सुबन सुब॑ जिन न्यान पञ ।
त टमिउ नंतानंतु सहन जिन ठव्थि अलय्थि सुलब्धिमओ ॥
त॑ंदान सुदान सुन्यान सुय॑ जिन जिनय जिनय जिनेंद रओ।
न्यानीय निलय त॑ निलय निलय जिन जिनय जिंनद सु सेहरो॥ ४ ॥ गमओ ०
त॑ लब्घि अलव्थि सुढन्धि जिन जिनय जिनेंद सनेद सनंद मओ ।
त॑ भोय सुभोय अभोय भोय गुन जिनय जिनेंद सनंद सनंद मओ ॥
उवभोग सुभोग अभोग मोगरे नंद सनंद जिन सेहरो ।
न्यानीय सुनीय सुनीय सुय॑ सुइ सहज जिनेंद स सेहरो ॥ ५ ॥ गमओ ०
नंत वीर्य सु रुन्धि सुरन्धि सुयं सुह वी सुनंतानंत पओ ।
सम्मत्त सम्मत्त स उत्त स॒ समय सुय॑ जिन जिनय जिनेंद रओ ॥
त॑ चरनह चरिय चरंतु चरन जिन जिनय जिनेंद रओ ।
न्यानीय सु निलय जिंनेद जिनय जिन सहज जिनेंद स सेहरो ॥ ६ ॥ गमओ० |†
नौ लब्धि उवन उवन सु उवन उवन सु जिनय मओ। |
तं रुन्धि अनन्तानन्त सहज सुह सहन भिनेन्द सनन्द पओ ॥
॥ २॥
User Reviews
No Reviews | Add Yours...