भिक्षु के पत्र | Bhikshu Ke Patra
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
151
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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(८ )
हरएक से प्रामाणिक हो तो मैं तुम्हें सलाद दूंगा कि तुम भरी राहुल
सांसकृयावन जी की उद्धचयां जरर पड़ ।
मेरा अनुमान है कि तुम उन विद्यार्थियों में से नददीं हो नो बड़े
श्रोछे पाव्क होते हैं जो किसी गम्भीर अन्य को---किसी बड़ी पुस्तक को
संसादद दो सप्ताद मन लगाकर पढ़ दी नहीं सकते । यदि ऐसी तबीयत
हो तो श्वुदधचर्या को हाय मत लगाना, कोई छोटी किताब पड़ना ।
गर्मी के मारे कलम की स्याद्दी सूख रही है ! पत्र भी शायद
लम्बा दोगया । प्रस्तु)
तुम्हारा
श्रानन्द कौसल्यायन
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