भिक्षु के पत्र | Bhikshu Ke Patra

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : भिक्षु के पत्र  - Bhikshu Ke Patra

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about भदंत आनंद कौसल्यायन -Bhadant Aanand Kausalyayan

Add Infomation AboutBhadant Aanand Kausalyayan

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
~~~ ~~~ ~-- -- -- ~ (८ ) हरएक से प्रामाणिक हो तो मैं तुम्हें सलाद दूंगा कि तुम भरी राहुल सांसकृयावन जी की उद्धचयां जरर पड़ । मेरा अनुमान है कि तुम उन विद्यार्थियों में से नददीं हो नो बड़े श्रोछे पाव्क होते हैं जो किसी गम्भीर अन्य को---किसी बड़ी पुस्तक को संसादद दो सप्ताद मन लगाकर पढ़ दी नहीं सकते । यदि ऐसी तबीयत हो तो श्वुदधचर्या को हाय मत लगाना, कोई छोटी किताब पड़ना । गर्मी के मारे कलम की स्याद्दी सूख रही है ! पत्र भी शायद लम्बा दोगया । प्रस्तु) तुम्हारा श्रानन्द कौसल्यायन




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now