राइफल | Rifle

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मुहम्मद सादिक सफवी - Muhammad Sadik Safavi

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रामचन्द्र वर्मा - Ramchandra Verma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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म १ डः मं लिया जाता है। सौ गज की देरी पर एक कला के कोण की रेखाओं के बीच १.४७ इंच र दुग होतो है । इसी अनुपात से और पत्लों था परासों के लिए भी एक कला के कोण 7 रेखाओं का पारस्परिक अन्तर जाना जा सकता है | गज इच २५ २६ +° ५२ ` ७, ७९ १०० आ. १२५ १.३१ १५० १.५७ ६७५ १.८३ | न्‌ ६) ¢ २ + 9, २.३६ ० २.६२ 4. २.८८ ¢ २०9५9 ३१४ भ कणीय माप कौ कला गौर वन्द्कवाजी की. कला सम कुछ अन्तर है, जैसा कि स्वर बचकाया जा चुका है। कोणीय माप की कला सौ गज पर १४७ (या लगभग 4 क यरावर होती है लेकिन गोलीवाजी में गणना की सुगमता के विचार से इस भिचरात्मक (ष्तः) सकम अन्तरका नचार छाड़कर सौ गज पर एक कला को एक इच के वरावर माना जाता है। इसे सव कोण कला (पलः प्रष्ठ) रहते है । मन इस पुस्तक में प्रासनिक गणनाओं में स्थूल-कोण कलाओं से काम नहीं लिया है बल्कि उन कोणीय मापवाली कलाओं के सान का प्रयोग किया है जो ऊपर स्तकाया जा चुको हैं। लक्ष्य के व्यास का कोण स्थिर करने के लिए लक्ष्य के ऊपर और वाटे सिरो के वोच मे अभिसारी ( (णाश्लचः ) रेवाएं खींची जाती हु जो निशाना लगानेवाले की आँख के पास मिलकर एक कोप बनाती हूं । इस कोण की जो कला होती है वही लक्ष्य का व्यास है। रस गोछीवाजी और लक्ष्य साधन में कोणीय माप का प्रकारग्र हण करने में दो महत्त्वपूर्ण लाभ हैं--- 4०४४




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