रसीलै राज रा गीत | Raseelai Raj Ra Geet
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
367
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सम्पादकीय १५
ग प्रत्ति-श्री सीताराम ल।ठस, जोधपुर के सग्रह की प्रति है । श्राकार
१०३००८७६, पत्र सख्या - ८६, पक्ति सख्या - २४, श्रक्षर सख्या - २१-२२।
प्रारभ की नाथ स्तुति इसी ग्रथ मेंहै। पुष्पिका में लिखा है--'श्रा पुस्तक
मारवाड में गाव बीलाडंश्री बडेर री)
महाराजा मानसिह् का भवित-विषयक पद साहित्य पहले ही प्रकाश मे
श्रा चुका था श्रौर उसका प्रचलन मारवाड की जनतामे श्रव भी है। परन्तु
उनका यह् श्र गारिक पद-साहित्य श्र्यावयि श्रज्ञात ही था । श्रा है, महाराजा
मानसिहं के काव्य-पक्ष को सममन भ्रौर राजस्थानी काव्य की समृद्धिका
श्रनुमान लगाने मे हमारा यह् प्रयास उपयोगी सिद्ध होगा ।
-- न्मराययास्िह भाटी
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