हिलोर | Hilor
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
201
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्रीदुलारेलाल भार्गव - Shridularelal Bhargav
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अपमान का भाग्य ध
भवितव्यताके भी तो भक्त हैं । इसलिय समस्त शंकां
का निवारण इस एक ही बात से कर लेते हैं कि होनहार
कौन टाल सकता है ! पर सच पूछिए, तो यह एक सीधी-
सी बात है कि युवक पाखाने से निकलकर हाथ-मुंह धोने
के लिये उधर बेठा था। एकाएक धक्का लगा. और वह नीचे
जा गिरा
| २ |
इस घटना को हुए कई वषे व्यतीत हो गए ।
उस समय नरेंद्र स्टुडेंट था । आज एक हाइस्कूल में हेड -
मास्टर है । इस समय उसकी अवस्था पेंतीस वषे की हो घचुकी
है | पर उसका स्वस्थ शरीर यदि आप लोग देस्वें, तो चकित
हुए बिना न रहें । उसके मुख पर कहीं भी न तो कोइ सिकुड़न
आहे, न उसके सिर का कोद बाल ही पका है । उसके
शौय-पूणे, तेजोमय मुख पर एक 'अदूमुत अ।भा भन्तभज्ञाती
रहती है । । अपने शहर में, टेनिस के खेल में; वह दपना
प्रतिद्वंद्वी नहीं रखता । परंतु एक खटकनवाली बात भी
उसके शरीर में आ गद रै! बह यह कि उसका एक पेंर
ज़रा-सा छोटा पड़ गया है ।
उपस्थित सभ्यगण इस पर एक दूसरे की श्रोर देखने
लगे । कोई मुस्किराने लगा, किसी ने सिगरेट सुलगाकर
पते मन के भाव छिपाने की चेष्टरा की : और कोई मुं ह
फेरकर इधर-उधर कने लगा ।
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