सचित्र अर्ध-मागधी कोष भाग 2 | Sachitra Ardha Magadhi Kosh Vol,2

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Sachitra Ardha Magadhi Kosh Vol,2 by श्री रत्नचन्द्र - Shri Ratan Chandra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्राउ 1 { ) [ आड 4 प° ( -भद-श्रायुप्यस्थ्र जीवितस्य भेद उपक्रम श्रायुभेद्‌ ) सौयुण्यनी उप दल; २५५१५४२ नेह -तुर्तु त. आयुक्मं का दूटना; आयु में भेद होजाना 06810 १० ०१ & $ पक; ६1७ 0९ऽ४प८- घ0ण 0. ठै प्र 58 कक 8. « सत्तविहे श्राङुमेद्‌ प० तेजा श्रञ्छव्म्माण निमित्त श्राह वेयण। पराघाए्‌ फासे ्रणा- पाण्‌ स्तवि भिजए श्राऊ ? ठा० ७; श्राउ छ्रो० ( अप ) पय जल +४४६७१. भगन ४, ६, ६, ४; पि० निन भा &, सूयय १, १, 8, ७, प्रवे ष्टः (२) स्री २५४५-पयीन्‌ा न्‌) पप्रय, श्रपक्राय-जल के जीव. 8 २९१६४१९ 860४16४ 081. जे० प० ७, सु० प० १०, उत्त० ९६, ३०, कण गं० १, २६; ५७, रे; ६; ४, ३; भग ५, ५) र, (३ > प६4१।५ नक्षिननेा दृवता पूर्वाषाढा नक्तत्र कादेव ४6 तभ ण धल एप्- ४६५६. 7. ९००8४०1} ४.४००. ^ पुञ्वासादा छाउ देवयाए' सू० प० १०, श्रणुजो १३१५ ठा० ९, दे; नकाशानय पुं ( -काय-श्राप. कायो यस्यति ) खपाः; पलना व्‌ श्रपकाय के जीव. ४९.६९ 1९68, सम० ६; उत्त० १०, ६; दस° ६१३०५; भरा २; ६, ७; १०१६३, श्माया० १,६, १, १२; -काडय. पुं ( -कायिक-श्रापो द्रवास्तापए्र कायः शरीरं यस्यत्ति ) २५-पायौ छय-शरीर छ नन्तुं प, पाशीना १. ऐसे जीव जिनका शरीर जल है 8पृण&91८ 11४69 भगण १ ५; १७, र; पैठ; ठ; ६३, १; जीवा १; पन्न १; दस० ४, नाक पथ पुर ( -फाय 9 सप्‌; पास. अपकाय; जल ४९६७1; ८6! ©08106760 85 2. 36110161 1088. सह 9. वत्त १०, ५, पिं नि० भा० १६; श्राया नि० १, १, डे, ११३५ पन्न० १; पंचा ५, २६; १०, २४; १४, ७. -क्वाइय पुर ( -कायिक >) ०4 े। “ श्राउकाडूय › २५६. देखो ५“ श्राउकाद्य शब्द ” 9106 ^ च्राउकादय ` “ सेकिंते श्राउक्तादया ? ऑ्राउकाइया दुविहा पन्नता ” पन्न १; भग० २६, १, --द्ाय्विदैसग. तरिर ( -कायाबादिसक » ५।७] + वनी [६२ ४२५२ जलकाय-जीव कौ दिसा करने वाला ( 06 ) 110 }्}}ऽ वप्र 88116706 06108 = मष्डा. १०६ --जीव. पु ( -जीव ) ०८८९; ५९ ता ५ जलजीव, पासी के जीव ११००९ 1४०58 ^“ दुविहा श्राउजीवाच्रो सुदुमा यायरा तदा ” उत्त ३६; ६५8६; ३६; सथ; ८५, सूय १, १५, ७, मग ५, २, चहल त्रि ( -वहुल) न्भ पालौ च्यु इन ते. जिस में पानी बहुत दो ऐसा ४1०४ 1116} 18 प] ग फा. जर प्र २, ३६५; --वद्ुलकेड न° ( -वहुलकार्ट ) ध्यु गतलवानि। रअभा पुथ्वीना नीना ५९३ चहुत जल वाला रत्नप्रभा पृथ्वी का तोंसरा काराड-भाग. 116 1170 3९८० ४06 ९8 [2112 - कछया 8 तपा) - काण्व 10 ण्ट. ^“ श्राउवहुले कंडे श्रसीद्‌ जाण्णसष्टस्सार्‌ वाइल्लेण ” सम० --याय. पु* ( -काय) भालीना यत; सेभक्ाय पानी के जीव. २प ९.८ ९८९8 ्प68 ५8.४९1 ९01 - 8104660 88 8 11४10 70888 मग १६, ३; -सोश्च- न ( -रोच ) ०८८५-2 शेव्य-धिनेता जलद्वासा शुद्धि, एप१०8- ४०, नन्दो एष 7068989 2.6, ठ० ५, ३;




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