सिंघी जैन ग्रन्थ माला | Singhi Jain Granth Mala
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
32 MB
कुल पष्ठ :
494
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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ॐ अद्यावधि मुद्धितग्रन्थनामावङि 8
4 मेस्टु्गाचार्यरवित भ्रबन्धचिन्वामणि १५ हम्रसूरिविरवित धरूतौख्यान, ( ङ्त )
मूल संसृत थन्ध. १६ दुगैदेवङृत शिष्टससुखय.. क
२ पुरातनग्रबन्धसंग्रह बहुवि देतिह्यतथ्यपरिपूण | १० मेघविजयोपा्यायक्त दिग्विजयमदाकाम्य.
अनेकं निबन्ध कि मी | १८ कवि अब्दुल रदमानछृत सन्देशरासक,
३ राजदेखरसूरिरचित प्रदन्धकोचा. ३५ सर्वीदरिकृत शतकब्रयादि सुभाषिवसंत्रह,
४ जिनप्रभसूरिक्त विविधतीर्थकल्प,. `
, | २० शन्याचरथत न्यायावतारवार्तिक-वृसि,
५ मषमिशयोपापयायहत दवानन्यमहानाम्यः २१ कवि धाहिखरब्दित फडमसिरीचरिड (अप०
& यदोविजयोपःध्यायछ्त जेनदकंभाषा. ` 1 1
७ हेमचन्द्राचायकत' प्रसाणसीसांसा, २३ भद्रबाहुसंहिता.
< भट्टाकलडुदेवकृत भकलकूयन्थचयी, जन
९ प्रबन्धचिन्तामणि ~ हिन्दी भाषान्तर, २४ जिनेश्वरस्रित कथाकोषश्रकरण. ( प्रा )
१० प्रमाचन्द्रसुरिरचितं प्रभावकचरित. ९५ उद्यपभसूरि्त घर्मान्युद्यमद्दाकान्य,
११ सिद्धिचन्दोपाध्यायरचित भामुचस्द्गणिचरित, | २३ जयरसिंहसूरिकत घर्मोपदेशमाला,
१९ यशोविजयोपाध्यायविरत्ित श्ञातबिन्दुप्रकरण. | २७ कोऊदलविरचित छीरावहै कदा (भ्रा०)
१३ हरिषेणाचायेकृत बहतकथाकोदा, २८ जिनद्ताख्यावह्वय,
१४ जेनपुश्तकमदास्विसेमरद, प्रथसः भाग, २९ सर्य॑भूविरन्ित पडमचरिउ ( अपप्र॑श )
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ॐ संप्रति सुव्यमाणम्नन्थनामावरि ‰
१ खरतरच्छ्ददुगु्बावलि. ९ महासुनिगुणपाख्विरचिते जंबप्वरित्र ( प्राकृत)
२ कुमारपाठचरित्रसंग्रह, ही १० जयपाहुडनाम निमित्तताख्र, ( प्राञ्त )
३ विविधगल्डीयपट्टावलिसंग्रह, ११ गुणचन्द्रविरचित मंत्रीकर्म चन्द्रवैशाप्रबन्ध,
थे शा द त (0 ति: 9 र नयचनद्रविरचितं हम्मीरमदहाकान्य.
५ विसि - वित्तपि महारेख - विज्ञप्ति त्रिनेण महेन्दसूरिकत नर्मदासुन्दरीक
आदि अनेक विज्ञप्तिठेख समुश्नय, ञि पहा काम
९ उद्योतनसूरिकत कुवरयसाछाकथा. १४ सिद्धिचिदकेत काव्यप्रकाशखण्डन,
७ कीर्तिकौसुद्दी आदि वस्तुपालप्रशसिसंप्रह, .. | *” कौटित्यकत भथेशास्र सटीक.
< दामोद्रंछत उक्तिव्यक्ति प्रकरण, १६ गुणप्रभावाय॑क्ृत विनयसूप्र. `
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१. स्व, बाबू, 9 सिंषी सूषतिथन्थ [ भारतीय विद्या, भाग ३] सन १९४४,
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