श्री गांधी बावनी | Shree Gandhi Baavani
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
573 KB
कुल पष्ठ :
55
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)५. गांघी-चावनी
दांदी-करूच १
बादल के नाहिं, देश-भक्तन के दल, घन-
गन न हक. रण-दूरन सुनाओी है;
सुनहरी संध्या के यह, सुरंगी सिंगर नोहिं,
देश-सेविका की साड़ी, केसरी सुहाशी है;
शिद्ध-धनु नाहिं, ये अुडायों है प्रिरंगी ध्वज,
मोर-घुनि नाहिं, “वंदेमातरम” गाजी है;
भारत में भयो, ऋत॒॒पावस को रंग नह,
मोहन गांधीने कूच, दांडी पे छगाओ है--१५
दॉडी-कूच २
थंके बहादूर चे, डके की छगाय चोट,
झंडे झूमशूम | फरहर! फ़रकत है;
देख देख शेखन की, रोखी सिस गभी सथ,
सारी शाहनखादी का, सीना धरते दै;
जाफोनार्दिजोट भेसी, भ्टिंसा की चोट हु से,
जाठीमों के केते केठे, कोट करकत है;
छोटी दांडी-कूच की छोटी-सी चिनगारी में से,
गो0ि पतश्चाहत की, दोर म्गटतत ६.१६
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