प्राचीन सभ्यताएं | Prachin Sabhyatayen

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Prachin Sabhyatayen by नेमिशरण मित्तल - Nemisharan Mittal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सभ्यता की अवधारणा, भूगोल श्रौर प्रागतिहासिक पृष्ठभूमि 5 के कारण मिल्न पर विदेशी भ्राकषमणों का खतरा नही रहा, तथा प्रकृति की गोद के सुरक्षाकवच मे नील-घाटी को सभ्यता विकसित होती चली गयी । मिल की जलवायु प्रमि तौर पर खुश्क श्रौर गरम रही) भूमघ्यसागर के तटवर्ती क्षेत्र को छोडकर शेय मिस्र मे शताब्दी मे एक-दो वार ही वर्षा होती थी । यह तो रुवेनजोरी पवेत की हिमाल्यादित चोटियों श्रौर विषुवतु रेखा पर होने वाली भारी वर्षाफी दी कूपा माननी चाहिए कि नील वारौ महीने जल से भरी- री रही । । मिस्र की स्थलाकृति में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण वात यह है कि उसकी भूमि का ढाल दक्षिण से उत्तर की ग्ोर है । इसी कारण यह सम्भव हो सका कि नील नदी 1850 मील की लम्वी दूरी तक वहकर मिस्र मे प्रवेश कर गयी श्रौर मिल्न के सीतर श्रपने 600 मील लम्बे प्रवाह मे उसने एक समृद्ध सभ्यता कौ जन्म दिया 1 मिस्र की जलवायु पर उसकी स्थिति श्ौर उसकी भूमि के चरित्र ने वहूत भारी प्रभाव डाला । चारो भोर फले रेगिस्तान मे गरम हवाभ्रो के चलने से भित्र की जलवायु गरम हो गयी थी । रेगिस्तान के कारण ही वहाँ वन श्रौर जगल नही उम पाये । वनो करा यह्‌ श्रमाव ही मुख्य रूप से झनादृष्टि का कारणा वना ! भिल्ल कौ सभ्यता मे स्थापत्य का वहत महत््वपूणं स्थान रहा, किन्तु हम यह्‌ नही भूल सकते कि स्थापत्य के विकास मे मिस्र कौ स्थलाकृति निर्णायक सिद्ध हई । नील घाटी की चिकनी मिट्टी, मिट्टी के वतन श्नौर इंट बनाने के लिए उपयुक्त थी, जिसने मिस्र की सम्यता को एक विलक्षण श्रायाम दिया । दूसरी झोर चूने के पत्थर की पहाडियो ने पिरामिडो, विशाल मूतियो न्नौर भवनों के निर्माण को सुगम बना दिया । ग्रेनाइट की चट्टानों का भी मिस्र की सम्यता में महत्त्वपुरं स्थान रहा । इन चदटानो पर विराट्‌ शिलालेख खोदे गये जिन्दोने भाुनिक मानव को उस प्राचीन सम्यत्ता का परिचय दिया । नील घाटी को भित की सभ्यता का पालना का जाता है क्योकि इसकी उपजाऊ भूमि ने मिस्र के प्राचीन वासियों को जीवन के साधन दिये श्रौर उनके लिए सम्पत्ति के द्वार भी खोल दिये । नील के मार्ग से मिल्न ने श्रपने वैदेशिक व्यापार का विकास किया तथा ससार की भ्रन्य समकालीन सभ्यताग्रो के साथ सम्पकं स्थापित किया । भागे तिहासिक पुष्ठसुसि (5000 से 2900 ई. पु.) (शिरा एडददाणणपव ) मध्य मिस्र मे एबुटिंग के सामने डेयर तासा, फायुम भ्ौर नील की रोजेटा शाखा के पश्चिम मे वेनी सल्नामेह की खुदाइयो में लगभग 5000 ईप की नव- ्रस्तरयुमीन वस्तियो के प्रवशेप मिले है। नील के पूर्वी तट पर झस्थुत से कोई वीस मील दर वदरी मे तान्नकालीन सस्कृति के श्रदशेष मिले हैं । बदरी के निवासी उत्कृष्ट कोटि के मृदुर्मांड बनाते थे भर उन्हे झाँख मे झाँजने के लिए पत्थर की




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