कर्म ग्रन्थ भाग IV | Karam Granth Bhag-4

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Karam Granth Bhag-4 by देवकुमार जैन - Devkumar Jainमिश्रीमल जी महाराज - Mishrimal Ji Maharajश्रीचंद सुराना - Shrichand Surana

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देवकुमार जैन - Devkumar Jain

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मिश्रीमल जी महाराज - Mishrimal Ji Maharaj

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श्रीचंद सुराना - Shrichand Surana

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ११ ) आप्‌ उत्साही अौर सुलज्ञे हुए विचारों के श्रावक है । सामाजिक कार्यों को सम्पन्न कराने मे आपकी विशेप सुचि ह । समाज सेवा के कार्यो मे हमेशा तत्पर रहते है। आप दक्षिण भारत मे स्थानकवासी समाज के प्रतिष्ठित प्रतिनिधि है । अखिल भारतीय कान्फन्स की विग कमेटी के आप सदस्य रहे है । कान्फरन्स को सक्रिय बनाने मे आपकी विशेष रुचि है । आपका व्यक्तिगत जीवन बहुत सादगी पूणं है। आप बड़े हंसमुख भौर भिलनसार है । प्रतिदिन आप नियमित रूप से सामायिक करते है । समाज मे विदेप अवसरों पर धार्मिक प्रवृत्तियों और क्रियाबों को सम्पन्न कराने में हमेशा तत्पर रहते है“ समाज हारा सचालित सस्थाभो के आप सक्रिय सदस्य है। आप श्री स्वेताम्बर स्थानकवासी जन एज्युकेशनल सोसायटी के मानद मंत्री है । आपके कार्यकाल में सोसायटी द्वारा सचालित श्री वधमान हिन्दी हाईस्कूल व मिडिल स्कूल ने आशातीत उन्नति की है । आप प्रतिवषं हजारो रुपये सुकृत कार्यों के लिए व्यय करते रहते है । आप अपनी उदारता के लिए इस क्षेत्र मे प्रसिद्ध है । रायचूर मे जब अकाल पडा, उस समय आपने नियमित रूप से गरीवो को भोजन कराया था । गो-सेवा मे आपकी विशेष रुचि है। स्थानीय गो-सदन के आप अध्यक्ष है। स्वधर्मी-वात्सल्य के कार्यों मे भी आप सक्रिय भाग लेते है । आपके सद्‌-प्रयत्न से ही उपाध्याय प्यारचन्द जी स्वधर्मी-वात्सल्य फण्ड की स्थापना की गई है । उसके वारा प्रत्िवषं स्वधर्मी मादइयो को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाता है । आपका पारिवारिक जीवन वहुत सुखमय है । आपका विवाह श्रीमान्‌ अमरचन्द जी वोहरा की सुपुत्री सो० काँ० श्रीमती वादलवाई के साथ सम्पन्न हुआ । आपके तीन पुत्र व तीन पुत्रियाँ है । बडी सुपुच्नी का विवाह बैगलोर निवासी श्रीमान्‌ सेठ मागीलाल जी गोटावत के पौत्र के साथ सम्पन्न हुआ है । समाज मे प्रचलित कुरूढियो को वन्द कराने के लिए आप हमेशा तत्पर रहते है । समाज सुधार के कार्यों मे सोत्साह भाग लेते है । आपको धर्म के प्रति अगाघ व अटूट श्रद्धा है । आप प्रतिमास दो उपवास करते है। चाय-काफी का जीवनपर्यन्त त्याग कर रखे है। इस प्रकार आप अपने जीवन में धार्मिक नियमों का नियमित रूप से पालन करते हैं । []




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