भारत वर्ष का इतिहास तृतीय खंड बौद्ध काल | Bharat Varsh Ka Itihas tritiya Khand Boudhha Kal
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15.11 MB
कुल पष्ठ :
381
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)घ्रंधम भागे । (6)
हुतदी पूरे में सिफन्दर ने भारतवर्ष पर श्राक्मण किया और ५९३ हैं० पू०
सेणड्राकोइंस ( चन्द्रंगुप्त॑ ) मगध के राज: सिंहासन पर बैठा | बस, इन दो
तिथियीं को धर की तरहं से निश्चित मान कर ऐतिहासिकों ने भारतवर्ष की
प्राचीन घटनाश्ों के सौर मरडल की श्रवस्थिति कर डाली | इसी को श्राघार मान
कर सम्पू राजवंशों का काल निर्णय कर दिया गया । इसी कारण शनेक
ऐतिहासिकों ने सर विलीयम जोन्प के श्राविष्कार को “भारतीय तिथिक्रम का
कंगर” कहा है ।
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