विचार - पोथी | Vichar - Pothi
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
106
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विचारपोयी १७
ˆ ७८
युरोपमें विभक्तराष्ट्-पद्तिका प्रयोग हो रहा हं । हिन्द
स्तानमे संय॒क्तराष्ट्-पद्धतिका 1
७९
अकतृत्वके विना अहिसा, सत्य आदि ब्रतोंका पुर्णपालन
सङाक्य ह ।
८०9
एेरवयं इरवरका विरोष गृण हं । भक्तका वह् असिरषित
नहीं है ।
सत्यकी परिभाषा नहीं है ; क्योकि परिभाषाका ही
आधार सत्य है ।
२
छातीपर पिस्तौल अडाकर अनाज लटनेमें और सोनेकीः
मुहर दंकर उसको खरीद छेनेमें कई वार विलकुल अन्तर नहीं:
होता ।
८३
समलोष्टारमकांचनः-- यह् सच्चे अर्थशास्त्रका मुख्य
सूत्र है
८४
धर्म संसारसे मोक्षकी ओर ठे जानेवाला पुल है । इसलिए
उसका एक पैर संसारमें और एक पेर मोक्षमें होता है ।
८५
सभी धर्म सत्यके अंशावतार हैं ।
८६
सयनारायण सत्यनारायणकी प्रतिमा ह । सर्योपासना
सत्यदर्दोनकें लिए है ।
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