आबू | Aabu
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
52 MB
कुल पष्ठ :
455
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१० ] वक्छत्य
रिवाज के अनुसार, उन दंडं के उपर मोषरा नही ,
बनाया जाता था ।
२--कोतरणी में क्या देखा जाता है? चेत्यवंदन; गुरु-
वंदन) पैर दबाना ( भक्ति करना ); सांग नम-
स्कार, व्याख्यान के समय ठवणी का रखना, गुरु-
का शिष्य के सिर पर वासक्षेप डालना आदि
अनुष्ठान क्रियाएँ कसी दिखती हैं ? क्या उस समय
की और इस समय के क्रियाओं की तुलना करने.
का यह साधन नहीं है ?
रे--उसी नक़्शी में राज-सभाएँ, जुलूस ( प्रोसेशन ) सचा-
रियां; नाटक, ग्राम्य जीवन, पशु पालन, व्यापार,
युद्ध आदि के दृश्य भी दृष्टिगोचर होते हैं। ये
वस्तुएं उस समय के व्यवहारों का ज्ञान कराने में
बहुत उपयोगी हो सकती हैं ।
४-इसी प्रकार जेन मूर्ति शासन किंवा जेन शिल्प शद्ध
का अस्यास करने किंवा अनुभव प्राप्त करने का
भौ यहां अध्व साधन हे । रिन्दी किन्दी मूर्तिों
अथवा परिकरा को देख करके तो बहुत ही आर्थ
उत्पन्न हाता ह । उदाहररसथ-भीमाराह कै
माद्र म मूलनायक श्री ऋषभदेव भगवान कीं
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