पद्म पुराण | Padm Puran

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : पद्म पुराण  - Padm Puran

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

Author Image Avatar

पं. दौलतराम जयपुर की तेरहपंथ शैली में एक समादृत विद्वान थे। उन्होने वि॰सं॰ १८२३ में 'पद्मपुराण' नामक हिन्दी ग्रन्थ की रचना की जो पद्मपुराण के मूलश्लोकों का यह अनुवाद है। वे आधुनिक मानक हिन्दी के आरम्भिक साहित्यकारों में गिने जाते हैं।

Read More About . Pt. Daulatram Ji

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
( € 1 ध ¢ + १ ् # त र + १ न १ = ५ क क ^ १ ० न हे ०: जय जा ५ १८ } ०५ श च ह 1, . ^ न “हों ५ (=) ६ पद्य-पुराण-माषा - “नाक | ) ऋ) भाषाकार-- स्वर्गीय परिहत दौीलनरामजी प्रथम पं नाक एक कैब का मंगलाचरण दोहा-चिदानंद चयेतन्यके, गुण अनन्त उरधार । भाषा पद्मपुराणको, माष भ्रति अनुसार ॥१॥। पंच परमपद षद प्रणमि, प्रणमि निनेश्वर वानि) नमि जिन प्रतिमा जिनमवन, जिन मारग उरश्रानि ।॥२॥ ऋपभ अजित संभव प्रणमि, नमि अभिनन्दनदेव । सुमति जु पद्म सुपाश्वं नमि, करि चन्दाप्रञ सेव ॥३॥ पुष्पदंत शीतल प्रणमि, श्रीश्र यांसकों ध्याय । वासुपूज्य विमलेश॒ नमि, नमि अनंतके पाय ।४॥ धमं शांति जिन इन्धु नमि, रार मच्चि यश गाय । मुनिसुत्रत नमि नेमि नमि, नमि पारसफे पाय ॥५॥ वद्धमान वरवीर नमि, सुरगुस्वर मुनि बंद । सकल जिनंद निद्र नमि, जनधमं अभिनन्द ॥६॥ निर्वाणादि अतीत जिन, नमो नाथ चोबीम। महापद्म परयुख प्रभू, चौबीसौ जगदीश |७])




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now