घेरे में कैद | Ghere Men Kaid

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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लिजिए सेठजी । फुनि से एक चुरवी नसवार नाक म चढ़ाव प्ौर घोती वी लॉग धो सम्हाल बर मुनीमजी मे एक कागज या टुगडा बोटारीजी के हाय म यमा ल्पा । उसमें घिस्तार पूवक 1 साद थी सवल उसारी भर है | सावर मल ने उस ध्यान पूवव पटा 1 इमम उपरत नये भरकर पाए ताज हृक्दं कौ कुक सीचो, नव बोले -- प्लो, जीतू ठाकुर ! सुम्हारा हिसाद तयार दै! माज कौ तारीख पक मय सूद के पुल मिलाकर एक हजार पाच सौ रचन सपय प्रर पत्ती पमे घयाया निकलते हैं ।' लगा, जसे इस कथन का प्रार्यों पर कोइ प्रभाव नहीं पडा है । इस दृष्टि से देखो पर ज्ञात होगा दि छन्नो ने हिसाद टिखावर [ १३




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