अध्ययन | Adhyayan

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Adhyayan by भगीरथ मिश्र - Bhagirath Mishr

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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[ ११ |] बनाना कवि का काम है । अतः आज की परिस्थिति में हमें प्रमुख कठिनाई हो रही है वह इसी कारण से कि ह्मे कान्य का सत्य” अगम्य है । यदि यह सुगम हो जाय, तो हमारे मन, हदय श्रौ बुद्धि का समन्वय हो सकता है चौर फिर पारस्परिक प्रम एवं सम्मान के भाव पनप कर हमें विकसित करेगे मौर हेष्यो-दढेष आलोचना या दोषनदशंन के भाव शांत होगे । एेसा होने पर हो एक साथ हमारे बाहों मँ बल, मन मेँ ओज, मुख पर प्रसन्नता, छद्य में उत्साह और प्रेम, बुद्धि में विवेक तथा आत्मा में आनंद-उल्लास प्रबाहित हो सकेगा । कवि का सव्य हमारे जीवन कासत्यहै हमारे हृद्य च्मौर भावनाओं का सत्य है जिसके माध्यम से ही हम एक दूसरे से मिले हुए हैं ।




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